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सोनभद्र: समाजसेवी विजय प्रताप सिंह के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज, पुलिस और अस्पताल प्रशासन पर आरोप

 

सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में समाजसेवी विजय प्रताप सिंह उर्फ डब्लू सिंह के खिलाफ एक निजी औद्योगिक प्रतिष्ठान द्वारा संचालित अस्पताल में अव्यवस्थाओं की शिकायत करने पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया है. समाजसेवी पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल में एक घायल महिला के इलाज की अव्यवस्था को लेकर वीडियो बनाकर शिकायत की थी, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने पुलिस में तहरीर देकर उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया.

 

यह घटना 3 मार्च 2025 की रात 1:15 बजे के आसपास रेणुकूट नगर के पास दर्जी मार्केट के समीप घटित हुई। यहां कूड़ा बिनकर जीवन यापन करने वाली एक महिला को बाइक सवार ने टक्कर मारी, जिससे वह घायल हो गई।/. विजय प्रताप सिंह, जो सामाजिक कार्यों में हमेशा सक्रिय रहते हैं, अपनी टीम के साथ घायल महिला का इलाज कराने के लिए हिंडालको अस्पताल पहुंचे. उन्होंने अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर आपत्ति जताई और वीडियो बना कर संबंधित अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद उनके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया.

 

विजय प्रताप सिंह का कहना है कि वह पिछले कई वर्षों से सोनभद्र जिले के गरीबों, मजदूरों और शोषित वर्ग के अधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल उठाया और कहा कि अस्पताल ने गरीब महिला का इलाज सही तरीके से नहीं किया और उसे बिना उचित उपचार के रेफर कर दिया. सिंह ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन उनके खिलाफ साजिश कर रहा है क्योंकि वह अक्सर श्रमिकों और असहाय लोगों की आवाज उठाते हैं, जो उद्योगों और प्रशासन के लिए परेशानी का कारण बनते हैं.

 

सोनभद्र के रेणुकूट नगर के लोग डब्लू सिंह को एक जानकार और विश्वसनीय समाजसेवी के रूप में पहचानते हैं. उन्होंने कोरोना काल में 5,000 से ज्यादा घायलों की मदद की और कई बार रक्तदान किया. इसके बावजूद, उन्हें फर्जी मुकदमा का सामना करना पड़ रहा है. डब्लू सिंह ने कहा, “इतनी सेवा देने के बाद अगर मुझे फर्जी मुकदमे का सामना करना पड़ता है तो यह सम्मान नहीं बल्कि जिल्लत है.

 

विजय प्रताप सिंह ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है. उन्होंने मांग की है कि अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों से मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और उन्हें फर्जी आरोपों से मुक्त किया जाए.

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