देश में साइबर अपराध के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. स्कैमर्स कई तरीके के हथकंडे का उपयोग करके लोगों की जेब खाली कर रहे हैं. बजट सेशन के दौरान सरकार की ओर से साइबर फ्रॉड को लेकर पूछे सवाल का जवाब दिया गया. वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया कि पिछले 10 सालों में जैसे-जैसे ऑनलाइन पेमेंट की संख्या बढ़ी है. वैसे-वैसे डिजिटली क्राइम करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, जहां साल 2014-15 में डिजिटल फ्रॉड के जरिए 18.46 करोड़ का नुकसान हुआ था, वहीं, इस मौजूदा वित्त वर्ष के दिसंबर महीने तक यह आंकड़ा 107 करोड़ पहुंच गया है.
लोकसभा में सरकार से पूछा गया कि पिछले 10 सालों लोगों को साइबर फ्रॉड की चपेट में आकर लोगों ने कितने पैसे गंवाए हैं. इस पर वित्त मंत्रालय की ओर से सदन में जवाब दिया गया, जिसमें सरकार की ओर साल 2014-15 से लेकर मौजूदा वित्त वर्ष के दिसंबर महीने तक के आंकड़े बताए गए. उन आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 10 सालों में देश में साइबर फ्रॉड के जरिए लोगों के पैसा गंवाने की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. रकम भी बढ़ी है.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
लगातार बढ़ रहे हैं साइबर फ्रॉड के केस
वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ये आंकड़ें बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के पास जो रिकॉर्ड दर्ज हैं. उनके हिसाब से बताए गए हैं. रिपोर्ट में कहा कि साइबर क्राइम के जरिए जो लोगों को साल 2014-15 में 18.46 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. वह साल 2015-16 में बढ़कर 27 करोड़ तक पहुंच गया. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष के 9 महीनों के भीतर ही आंकड़ा 100 करोड़ रुपये को पार कर 107 करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंच गया.
2023-24 में हुआ सबसे ज्यादा फ्रॉड
साइबर फ्रॉड के चलते लोगों के साथ हो रही ठगी की रकम साल दर साल बढ़ती ही जा रही है. जहां, इस साल अप्रैल से दिसंबर के बीच आंकड़ा 100 करोड़ को पार कर गया. वही, पिछले वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा ऑनलाइन ठगी हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023-24 में लोगों के 177 करोड़ रुपये ठगों ने उड़ा दिए थे.