भागलपुर में जदयू विधायक गोपाल मंडल का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है, उनकी करतूत की वजह से विधायक के पद की गरिमा धूमिल हो रही है, लेकिन प्रशासन सत्ता के आगे नतमस्तक नज़र आ रही है, कार्रवाई तो छोड़िए केस दर्ज होने के बाद प्रशासन गोपाल मंडल से पूछताछ तक भी नहीं कर पाती है. कानून के हाथ जनता के लिए लंबे हैं लेकिन नेताओं विधायकों के गलती पर गुंडई पर कानून के हाथ बौने हो जाते हैं. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जदयू विधायक गोपाल मंडल पर शिक्षक ने धमकी देने का आरोप लगाया था एफआईआर दर्ज किया गया था लेकिन कार्रवाई नहीं हुई पीड़ित शिक्षक सुनील कुशवाहा अधिकारियों के चौखट पर गुहार लगा रहा है वह लगातार डर के साये में जीने की बात कर रहा है खौफजदा है.
शिक्षक ने अब आईजी से कार्रवाई की गुहार लगाई है कि उनकी रक्षा की जाए, न्याय मिले. आईजी विवेक कुमार ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. शिक्षक का आरोप है कि 11 फरवरी और 22 फरवरी को विधायक गोपाल मंडल ने मकान पर आकर मकान खाली करने की धमकी दी थी. सीने में पिस्टल सटाया था. उनके गुर्गे धमकाते रहते हैं. डर के साये में जी रहे हैं. अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
‘मेरे पास करंट वाला रिमोट रहता तो हम मार देते’
मामले को लेकर विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि सुनील मास्टर को मैंने ही बसाया है, वह यहां रहता नहीं है. हम कहां धमकी देने गए, वो विधायक पर FIR किया. इसके लिए पहले हमसे पूछना चाहिए था. पुलिस को जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए. उसको अगर डर है कि कोई मार देगा तो आईजी तक कैसे पहुंचा. गोपाल मंडल ने कहा, मेरे पास करंट वाला रिमोट रहता तो हम मार देते. उन्हें घर में रहना चाहिए, उधर उनका स्कूल है तो यहां क्या करते हैं. उनका धंधा है. मकान कैप्चर करके रखना, मकान वाले को धमकाना, कुछ माल एंठ लेना फिर छोड़ देना. कार्रवाई होनी चाहिए.
दरअसल, विवाद हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी में मकान का है जिसे विधायक जी अपने साढू के बेटे का जमीन बता रहे हैं लेकिन शिक्षक का कहना है कि वह जमीन उनकी है. 12 साल पहले उन्होंने लिया है. बकायदा सारे कागजात उनके पास हैं. घटना के बाद शिक्षक ने बरारी थाना में एफआईआर दर्ज किया था लेकिन इस ओर कोई कार्रवाई की शुरुआत भी नहीं हो सकी.