सोने की सजावट, इटालियन संगमरमर… दिल्ली के बाद आंध्र के ‘शीशमहल’ पर सवालों की बौछार..

दिल्ली चुनाव से पहले राजधानी के ‘शीशमहल’ की जमकर चर्चा हुई और चुनाव में BJP ने AAP के खिलाफ इस मुद्दे को जमकर भुनाया. अब ऐसा ही एक ‘शीशमहल’ आंध्र प्रदेश में भी चर्चा की वजह बन गया है. ये आलीशान बंगला पूरे 10 एकड़ के परिसर में फैला हुआ है. इसमें सजावट के लिए सोने के साथ-साथ इटालियन संगमरमर का भी इस्तेमाल किया गया है.

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विशाखापट्टनम के सुदूर इलाके में 10 एकड़ क्षेत्र में फैली इस विशाल हवेली को रशिकोंडा पैलेस के नाम से जाना जाता है. यह ‘शीशमहल’ आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी का है, जो पहले उनका कार्यालय और आवास भी था.

इस पैलेस के आसपास बुनियादी ढांचे को अच्छी तरह से बनाया गया है. यहां पक्की सड़कें, पानी के निकासी की व्यवस्था और 100 केवी बिजली सबस्टेशन भी है. इसकी अनुमानित लागत 500 करोड़ रुपए बताई जाती है.

‘पहाड़ी का आधा हिस्सा ही खोद डाला’

आज तक ने इस आलीशान ‘शीशमहल’ के अंदर की कुछ तस्वीरें हासिल की हैं. इस भव्य महल के कंस्ट्रक्शन अब विवादों में घिर गया है. जिसमें तट का रेगुलेशन एरिया (CRZ) शामिल हैं. इसे बनाने में नियमों के घोर उल्लंघन का आरोप है. दावा किया जाता है कि एस्टेट के निर्माण के लिए सुंदर रुशिकोंडा पहाड़ी के लगभग आधे हिस्से की खुदाई की गई थी, जिससे पर्यावरण से जुड़ी गंभीर चिंताएं पैदा हुई हैं.

आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (MOEF) ने 19 मई 2021 को पर्यटन विकास परियोजना के रूप में इसकी मंजूरी दी थी. हालांकि, विपक्ष का आरोप है कि पिछली जगन मोहन रेड्डी की सरकार ने कानून को दरकिनार करते हुए महल बनाया था.

सख्त एक्शन लेगी नायडू सरकार!

आलीशान ‘शीशमहल’ का निर्माण जगन सरकार के समय किया गया था. हालांकि, इस समय आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार है. मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू का प्रशासन ने जगन मोहन रेड्डी पर सार्वजनिक धन के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा रहा है. यह भी अनुमान है कि ‘शीशमहल’ और बुनियादी सुविधाएं बनाने में 600 करोड़ से ज्यादा का खर्च भी होने की संभावना है. हालांकि, जगन सरकार के समय मंत्री रहे गुडीवाड़ा अमरनाथ ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि यह प्रोजेक्ट कानूनी मापदंडों के अंदर है.

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