छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में दादा ने अपने 4 साल के पोते पर एयरगन से फायर कर दिया। एयरगन से निकला 2MM का छर्रा बच्चे के सीने के ठीक नीचे, पेट में फंस गया। डॉक्टरों का कहना है कि अगर समय रहते इलाज नहीं हुआ तो शरीर में जहर फैलने (स्लो प्वाइजन) से उसकी जान को खतरा हो सकता है।
इधर, SDOP ने कहा कि एयरगन रखना गैरकानूनी नहीं है। फिलहाल हम कार्रवाई कर रहे हैं। जबकि, सरकार ने इसके लिए नियम तय किए हैं। यह मामला धनोरा थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, धनोरा थाना क्षेत्र के बनियागांव में 4 साल का मासूम प्रियांशु घर के आंगन में खेल रहा था। वह शरारत कर रहा था। बस इसी बात से उसके छोटे दादा को गुस्सा आ गया। उन्होंने घर पर रखी एयरगन बच्चे पर तान दी। जिससे डर की वजह से बच्चा यहां-वहां भागने लगा। दादा ने पहले उसे डराया फिर एयरगन चला दी। गन से निकला छर्रा बच्चे के सीने पर लगा।
चार साल का मासूम जिला अस्पताल रेफर
जिससे वह घायल हो गया और बेहोश होकर नीचे गिर गया। जिसके बाद बच्चे के माता-पिता मौके पर पहुंचे। उन्होंने फौरन बच्चे को केशकाल अस्पताल ले आए। जहां डॉक्टरों ने एक्स-रे किया। जिसमें पता चला कि सीने के ठीक नीचे मांसपेशियों में 2MM का छर्रा फंसा हुआ है। छर्रा का मूवमेंट नहीं है। केशकाल में छर्रा निकालने की कोशिश की गई, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।
जिसके बाद बेहतर इलाज के लिए उसे फौरन कोंडागांव जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। फिलहाल बच्चे की स्थिति ठीक है।
डॉक्टर डीके बिसेन ने दैनिक भास्कर से कहा कि, बच्चे की स्थिति ठीक है। छर्रा लगने के बाद शरीर के अंदर और बाहर दोनों तरफ से खून नहीं निकला है। 2MM के छर्रा को जितनी जल्दी निकाल लिया जाए उसके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। वरना प्वाइजन धीरे-धीरे शरीर में फैल सकता है और जान का खतरा हो सकता है।
SDOP बोले- जांच जारी
इस मामले को लेकर केशकाल SDOP अरुण नेताम ने दैनिक भास्कर से कहा कि, हमें भी जानकारी मिली है। दादा ने एयरगन चलाई है। थाना प्रभारी मौके पर हैं। परिजनों का बयान ले रहे हैं। जांच जारी है। क्या आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी? तो इसपर कहा कि पहले जांच पूरी हो जाए, फिर कार्रवाई करेंगे।