ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शराब के कारोबार को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने शराब के कारोबार को हराम बताते हुए मुसलमानों के नाम से जारी ठेकों के लाइसेंस रद्द करने की मांग की है. उनके इस बयान के बाद शराब के कारोबार को लेकर नई बहस छिड़ गई है. रजवी ने कहा कि इस्लाम में शराब पीना और उसका व्यापार कराना दोनों ही हराम हैं. उन्होंने मुसलमानों से अपील किया है कि वो शराब और इसके कारोबार से दूर रहें.
इसी क्रम में उन्होंने ने सरकार से भी आग्रह किया है कि मुसलमानों के नाम से जारी लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए. उन्होंने कहा कि मुसलमान न शराब पी सकते न इसका कारोबार कर सकते हैं. यह ना केवल एक हानिकारक पदार्थ है, बल्कि इसके व्यापार में लिप्त होना इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने कुरान और हदीस के हवाले से तर्क दिया कि शराब इंसान की सोचने-समझने की क्षमता को कमजोर कर देती है. शरीयत के अनुसार समाज में कई बुराइयों की यह जड़ है.
मौलाना के मुताबिक एक सच्चे मुसलमान को न केवल शराब के सेवन से बचना चाहिए, बल्कि इस व्यापार से भी दूरी बनाकर रहना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि शराब पीने और इसके व्यापार में शामिल होने से व्यक्ति अपने धार्मिक सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. शराब के कारण इंसान की निर्णय क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे समाज में अनियंत्रित और हानिकारक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है.
इस मुद्दे पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि मुस्लिम नामों पर जारी शराब लाइसेंस को तुरंत निरस्त किया जाए. यदि सरकार ऐसा करती है तो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से साफ संदेश जाएगा, बल्कि समाज में शराब के नकारात्मक प्रभाव को भी कम किया जा सकेगा. इससे पहले मौलाना शहाबुद्दीन क्रिकेटर मोहम्मद शमी के रोजा न रखने पर बयान देकर सुर्खियों में रहे थे. इसी क्रम में उन्होंने नया बयान देकर इस्लाम में शराब को लेकर नई बहस शुरू हो गई है.