सामूहिक विवाह में क्यों नहीं आ रहे मुस्लिम जोड़े? गाजीपुर में अधिकारी भी हैरान, 2 बार से संख्या जीरो

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा गरीब और असहाय परिवार की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चलाई जा रही है. वहीं आज गाजीपुर के आरटीआई खेल ग्राउंड के मैदान में कुल 225 जोड़ों की शादी वैदिक परंपरा और मंत्रोच्चारण के साथ कराई गई. इसमें जिले के प्रत्येक ब्लॉक से लाभार्थी शामिल हुए. वहीं इस सामूहिक विवाह योजना से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. इस 225 शादियों में एक भी मुस्लिम समाज का वर और वधू शामिल नहीं हुआ. इतना ही नहीं 10 दिन पूर्व भी 200 से ज्यादा जोड़ों की शादी कराई गई थीं. उसमें भी मुस्लिम समाज का कोई भी वर और कन्या शामिल नहीं हुए जो एक चौंकाने वाला मामला है.

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गाजीपुर जिले की बात की जाए तो वित्तीय वर्ष में कुल 1575 शादी कराए जाने का लक्ष्य शासन के द्वारा दिया गया था. जिसमें दो बार के आयोजित शादियों को छोड़ दिया जाए तो पूर्व में सभी आयोजनों में मुस्लिम समाज की बेटियों का भी निकाह हुआ था. हाल ही में हुए दो बार सामूहिक विवाह में मुस्लिम समाज की कोई भी बेटी का निकाह नहीं हुआ या फिर यह कहे कि मुस्लिम समाज की तरफ से शादी के लिए कोई आवेदन नहीं किया जा रहा है.

मुस्लिम समाज के एक जिम्मेदार व्यक्ति से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मुस्लिम समाज में आज भी बहुत से परिवार हैं जो अशिक्षित हैं. जिसके वजह से इस योजना के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. शायद यही कुछ कारण है कि वह ऑनलाइन नहीं कर पाते हैं और शामिल नहीं हो पा रहे हैं.

सामूहिक विवाह की बढ़ाई जाएगी राशि

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष का यह आखिरी सामूहिक विवाह का आयोजन था. जिसमें 225 वर और कन्याओं की शादी योजना के तहत कराई गई है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि अगले वित्तीय वर्ष में विवाह के दौरान मिलने वाली राशि को बढ़कर 1 लाख तक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले साल भी टारगेट 1700 के आसपास आया था लेकिन पूरा नहीं हो पाया था. इस बार भी टारगेट पूरा नहीं हो पाया है. इसके पीछे कारण है कि विभाग के द्वारा अपात्रों को इस योजना में शामिल नहीं किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि पिछले दो बार से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में मुस्लिम जोड़े शामिल नहीं हो रहे हैं. जबकि यह योजना सभी वर्ग के लोगों के लिए है. इस योजना में कोई धर्म विशेष की बात नहीं करते हैं सभी इसमें शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि दो शादी के आयोजनों से पहले प्रत्येक आयोजन में 10 से 15 मुस्लिम जोड़े शामिल होते थे. ये लोग खुद निकाह के वक्त खड़े रहते थे. उन्होंने कहा कि दो बार से लोग आवेदन क्यों नहीं कर रहे हैं इस बारे में पता लगाया जाएगा.

मुस्लिम समाज के लोग नहीं हुए शामिल

जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह ने सभी दूल्हों को चेतावनी भी दिया कि उनकी बेटियों के साथ यदि किसी भी तरह के मामले सामने आये तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे लोगों को छोड़ेंगे नहीं. नगर पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना किसी जाति विशेष या धर्म विशेष के लिए नहीं है. बल्कि सभी के लिए है, लेकिन मुस्लिम समाज के लोग शादी में शामिल क्यों नहीं हो रहे हैं इसे जिला प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए.

जिला समाज कल्याण अधिकारी राम नगीना यादव ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए एक मुस्लिम समाज के तरफ से आवेदन आया हुआ था. इस शादी के लिए कन्या पक्ष भी आया था. लेकिन दूल्हे की यूपी बोर्ड की परीक्षा होने के कारण उनका परिवार नहीं आया. जिससे कन्या पक्ष कोवापसजानापड़ा.

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