जशपुर: मत्स्य किसानों को नवीन तकनीकी के माध्यम से आधुनिक मछली पालन की दी गई जानकारी

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप जिले के किसानों को कृषि के साथ-साथ मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी आगे बढ़ाने के लिए मछली पालन विभाग के विभागीय योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है.

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इसी कड़ी में जिले के प्रगतिशील किसानों को नवीन तकनीकी के माध्यम से मछली पालन में बढ़ावा देने के लिए राज्य के बाहर रांची, झारखण्ड लेक जाकर अध्ययन भ्रमण कराया गया. इनमें 20 अनुसूचित जनजाति एवं 1 सामान्य वर्ग के हितग्राही शामिल थे.

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इस दौरान झारखण्ड के मत्स्य निदेशक एच.एन. द्विवेदी ने कहा कि किसानों के इस तरह भ्रमण से दूसरे राज्यों में चल रही योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है. झारखण्ड राज्य के रांची में मत्स्य किसान प्रशिक्षण केन्द्र शालीमार ध्रुवा रोड रांची के मुख्य अनुदेशक प्रशांत कुमार दीपक के नेतृत्व में किसानों को एग्रीग्रीन फिशरीज, टीकराटोली नगड़ी में बायोफ्लॉक, आरएएस, बायोप्लाट पोण्ड के माध्यम से नवीन तकनीकी से मछली पालन हो रहा उनके बारे में जानकारी दी गई. झारखण्ड राज्य सहकारी समिति के द्वारा फिशफीड मील एवं हाईजेनिक फिश मार्केट के बोर में मत्स्य किसानों को जानकारी दी गई.

जिला मत्स्य विभाग रांची के मछली पालन डोरण्डा में विभाग के द्वारा संचालित योजना तालाब, हेचरी, बायोफ्लॉक के बारे में जानकारी दी गई. नवीन तकनीकी के माध्यम से पतरातू बांध एवं गेतलसूद में केज कल्चर एवं रामगढ़ जिले के आरा में बंद पड़े कोल पीठ में केज कल्चर के माध्यम से मछली पालन किया जा रहा उसके बारे में जानकारी दी गई, जिससे योजनाओं को देखकर मत्स्य किसान प्रभावित हुए.

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