Perfume ने ली 11 वर्षीय बच्ची की जान, खतरनाक ‘Chroming Challenge’ बना मौत की वजह…

ब्राजील से चौंका देने वाली खबर सामने आई है. यहां 11 वर्षीय एक बच्ची को परफ्यूम की वजह से हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई. दरअसल, बच्ची ने ‘क्रोमिंग’ नाम के एक खतरनाक टिकटॉक चैलेंज में हिस्सा लिया था. उसे जरा भी अंदाजा नहीं था उसका यह कदम उसे मौत के मुंह में पहुंचा सकता है. 9 मार्च को एरोसोल डिओडोरेंट सूंघने के बाद पेरनामबुको राज्य के बॉम जार्डिम की रहने वाली ब्रेंडा सोफिया मेलो डी सैंटाना की मौत हो गई.

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टिकटॉकर बच्ची ने ‘क्रोमिंग’ चैलेंज के तहत डियोड्रेंट सूंघा, जिसकी वजह से उसकी तबीयत अचानक बिगड़ी और कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट हुआ. बच्ची को फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां 40 मिनट बाद उसने दम तोड़ दिया. फिलहाल, मौत का कारण एरोसोल डिओडरेंट का मुंह के भीतर जाना बताया जा रहा है.

इस घटना ने वायरल सोशल मीडिया चैलेंजेज के खतरों के बारे में चिंता पैदा कर दी है, जिसमें आजकल की युवा पीढ़ी बिना सोचे-विचारे कूद पड़ती है. यह घटना उन अभिभावकों के लिए भी एक सबक है, जो बच्चों से पीछा छुड़ाने के लिए उन्हें मोबाइल थमा देते हैं. यह भी नहीं सोचते कि बच्चे क्या देख रहे हैं और उससे क्या सीख रहे हैं.

क्या है क्रोमिंग चैलेंज?

टिकटॉक पर वायरल हुआ यह खतरनाक चैलेंज बच्चों के बीच तेजी से पॉपुलर हुआ है. इसमें बच्चे नशा करने के लिए घर में रखी केमिकल जैसे पेंट थिनर, स्प्रे पेंट, गैसलीन, डिओडरेंट, हेयर स्प्रे, परफ्यूम, नेल पॉलिश रिमूवर आदि को सूंघते हैं. ब्रेंडा ने भी ऐसा ही किया और अप्रिय घटना का शिकार हो गई.

क्रोमिंग का असर

हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि क्रोमिंग से सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर बुरा असर पड़ता है. इससे मतिभ्रम, मितली, चक्कर आना और हार्ट अटैक जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

यहां से फैला है ये ट्रेंड

रिपोर्ट के मुताबिक, यह ट्रेंड सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में शुरू हुआ था जो सोशल मीडिया के जरिए अन्य जगहों पर भी फैल रहा है.

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