रायपुर: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति में संशोधन किया है. सरेंडर नक्सलियों की पुनर्वास नीति पर साय सरकार का कहना है कि, उन्होंने पहले से चली आ रही इस नीति को नया रूप दिया है और इसमें सुधार किया है. रायपुर में मीडिया से बात के दौरान सीएम साय ने यह बयान दिया है.
सरेंडर नक्सलियों के लिए नई पुनर्वास नीति: छत्तीसगढ़ सरकार ने बुधवार को आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए नई पुनर्वास नीति को मंजूरी दी, जिसमें उन्हें वित्तीय सहायता, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है. कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 के स्थान पर छत्तीसगढ़ नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत और पुनर्वास नीति-2025 (Chhattisgarh Naxal Surrender Victim Relief and Rehabilitation Policy-2025) को मंजूरी दी. नई नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को वित्तीय सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
सीएम साय का बयान: सरेंडर नक्सलियों के लिए नई पॉलिसी पर सीएम साय ने कहा कि राज्य सरकार नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह नीति उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हिंसा छोड़ने वाले लोग एक स्थिर और सम्मानजनक जीवन जी सकें. राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने पुनर्वास नीति की जांच करने के लिए असम और अन्य राज्यों का दौरा किया. इसके बाद, पुनर्वास नीति तैयार की गई है और यह अच्छी है.
राज्य सरकार ने सरेंडर नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति को नया रूप दिया है और इसमें सुधार किया है. नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति पहले से ही लागू थी, लेकिन हम इसे और बेहतर बना रहे हैं.- विष्णुदेव साय, सीएम, छत्तीसगढ़
नक्सल सरेंडर पॉलिसी 2025 में क्या है?: सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए जो नई पॉलिसी सरकार ने बनाई है. उसमें सरेंडर करने वाले नक्सलियों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देने का प्रावधान है. 29 दिसंबर 2024 को प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि हम सरेंडर कर चुके नक्सलियों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देंगे. इसके लिए राज्य सरकार ने स्किल डेवलपमेंट के भवन तैयार किए हैं. यहां आत्मसमर्पित नक्सलियों को रखा जाएगा और उन्हें रहने खाने के साथ कौशल की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके अलावा सरेंडर कर चुके नक्सलियों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
इनामी नक्सली अगर सरेंडर करते हैं तो उन्हें इनाम की राशि भी दी जाएगी. सरेंडर करने वाले नक्सली जो हथियार अपने साथ लेकर आएंगे उन्हें हथियार का पैसा दिया जाएगा. उनको सरकार की तरफ से जमीन का प्लॉट दिया जाएगा. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को पीएम आवास योजना का लाभ भी दिया जाएगा- विजय शर्मा, डिप्टी सीएम और गृह मंत्री, छत्तीसगढ़
नक्सल समस्या का समाधान करना मकसद: सीएम साय ने कहा कि सरेंडर नक्सलियों के नई पॉलिसी का मकसद नक्सल समस्या के समाधान के लिए आशा की नई किरण लाना है. छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि इस नीति से नक्सली सरेंडर कर समाज की मुख्य धारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित होंगे. इससे बस्तर और राज्य के विकास को गति मिलेगी.