पतंजलि विश्वविद्यालय में अनोखी होली: स्वामी रामदेव ने फूलों से मनाया त्योहार, दिया खास संदेश..

देश में होली के पूर्व संध्या पर पूरे देश में होलिका दहन मनाया जा रहा है. होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है. वहीं, इसके एक दिन पहले गुरुवार को पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार में होलीकोत्सव यज्ञ और फूलों की होली का आयोजन किया गया. इस दौरान योग गुरु स्वामी रामदेव और विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने लोगों को रंगों के त्योहार पर शुभकामनाएं दीं.

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स्वामी रामदेव ने इस अवसर पर कहा कि होली न केवल रंगों और उल्लास का पर्व है, बल्कि यह सामाजिक समरसता, प्रेम, भाईचारे और बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है. हम होली पर प्रण लें कि हमारे भीतर आत्मग्लानि और आत्म सम्मोहन न आए. हम सदा अपने सत्य पथ पर और सनातन के पथ पर आगे बढ़ते रहें. उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति के हर पर्व को हम योग और यज्ञ के साथ मनाते हैं.

‘होली और जुम्मा का एक ही दिन होना दिव्य संयोग’

स्वामी रामदेव ने इस दौरान सभी देशवासियों से भांग और शराब के नशे से बचने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि यह समाज के लिए हानिकारक है. वहीं, होली और जुम्मे के एक दिन पड़ने पर योग गुरु रामदेव ने कहा, ‘होली और जुम्मा का एक ही दिन होना एक दिव्य संयोग है और इसी का नाम होली है. हम साथ-साथ रहें. यही हमारी सनातन संस्कृति हमें यही सिखाती है. सद्भावना और शांति के साथ होली को जिये यही संदेश है.’

होली फूलों और हर्बल गुलाल से ही खेले- बालकृष्ण

इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि होली अहंकार के त्याग का पर्व है. अपने अंदर के विकारी भावों रूपी हिरण्यकश्यप को होलिका में दहन करने का पर्व है. होली पर सभी आपसी मतभेदों को भूलकर भाईचारे के रंग में रंगकर इस पर्व को सार्थक बनाएं. उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया कि होली पर्व पूर्ण सात्विकता के साथ मनाएं. होली फूलों और हर्बल गुलाल से ही खेले. होली खेलने से पहले अपने शरीर के खुले हिस्सों पर सरसों का तेल या कोल्ड क्रीम लगाएं, इससे त्वचा सही रहता है.

पतंजलि विश्वविद्यालय में होलीकोत्सव पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने छात्रों के साथ भी होली खेला. साथ ही इस अवसर पर विशेष यज्ञ भी किया है. कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ-साथ पतंजलि संस्थान के सभी ईकाइयों के प्रमुख, विभागाध्यक्ष, कर्मचारी, शिक्षक, विद्यार्थी और संन्यासी मौजूद रहे.

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