अयोध्या: विश्वप्रसिद्ध ज्योतिषी और वास्तुकार डॉ. परेश दानी ने अयोध्या के रामलला दरबार में अद्भुत ऊर्जा और वाइब्रेशन महसूस करने का दावा किया है. उन्होंने मंदिर की बनावट, पत्थरों के संयोजन और दिशाओं के अनुसार इसे एक ऊर्जा केंद्र बताया.
अमेरिका के शिकागो से अपने 85 वर्षीय मित्र भाईलाल पटेल के साथ धार्मिक यात्रा पर निकले डॉ. परेश मंगलवार शाम सरयू आरती में शामिल हुए और बुधवार को रामलला के दर्शन किए. इसके बाद उन्होंने कनक भवन और दशरथ महल का दौरा किया और फिर प्रयागराज रवाना हो गए। इससे पहले, वे वाराणसी में काशी विश्वनाथ, कालभैरव और संकट मोचन मंदिरों के दर्शन कर चुके थे.
राममंदिर की बनावट पर डॉ. परेश की राय
राममंदिर की संरचना का विश्लेषण करते हुए डॉ. परेश ने बताया कि मंदिर वास्तुशास्त्र के अनुसार अत्यंत संतुलित और उर्जावान है. उन्होंने कहा कि करोड़ों भक्तों की आस्था और मंदिर की सटीक दिशात्मक योजना इसे एक आध्यात्मिक केंद्र बनाती है.
श्याम वर्ण के रामलला विग्रह पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि भगवान शिव को प्रिय श्याम रंग यहां अत्यंत उपयुक्त है. सफेद संगमरमर की पृष्ठभूमि में यह विग्रह और भी दिव्य प्रतीत होता है.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2024 में राम मंदिर का उद्घाटन किया था. फिलहाल इसके प्रथम और द्वितीय तल का निर्माण कार्य जारी है. मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए इसकी संरचना वैज्ञानिक और वास्तु विशेषज्ञों की सलाह पर तैयार की गई है.