केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि तमिलनाडु में सरकार बनाने के करीब 4 साल बाद स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके के पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है. सिवाय बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, कानून और व्यवस्था में भारी विफलताओं, करों और बिजली दरों में बढ़ोतरी के, जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है.
उन्होंने कहा कि लोगों का ध्यान भटकाने के लिए राज्य सरकार बेवजह के मुद्दे उठा रही है. मंत्री ने कहा कि डीएमके तमिलनाडु में शराब आपूर्ति करने वाली कंपनियों पर चल रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों से ध्यान हटाना चाहती है, जिसमें 1,000 करोड़ रुपए की रिश्वत का खुलासा करने वाले दस्तावेज मिले हैं.
‘एनईपी 2020 को कलंकित करने की कोशिश’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1986 में एनईपी के उसी त्रि-भाषा फॉर्मूले को बरकरार रखने के बाद भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति – एनईपी 2020 को कलंकित करने के लिए डीएमके द्वारा प्रयास किए गए. उन्होंने कहा कि गैर-हिंदी भाषी राज्यों के लिए बहुत अधिक लचीलापन और अधिक विकल्प प्रदान करना पार्टी के पाखंड को दर्शाता है.
रुपए के प्रतीक को बदलने का निर्णय गलत’
इसके साथ ही मंत्री ने राज्य में रुपए के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल होने वाले आधिकारिक सिंबल ₹ की जगह तमिल लिपि के ரூ का इस्तेमाल करने के फैसले पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार द्वारा हाल ही में एक तमिल द्वारा डिज़ाइन किए गए रुपए के प्रतीक को बदलने का निर्णय संस्थानों और संवैधानिक निकायों के प्रति उसकी अवमानना को दर्शाता है.
‘दक्षिणी राज्यों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा’
वहीं परिसीमन को लेकर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि दक्षिणी राज्यों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा, बावजूद इसके मुख्यमंत्री स्टालिन इस मुद्दे को लेकर राजनीति कर रहे हैं.
परिसीमन को लेकर दक्षिण भारत में राजनीति तेज
दरअसल परिसीमन को लेकर दक्षिण भारत में राजनीति तेज हो गई है. तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) इसको लेकर लगातार विरोध कर रही है. हाल ही में मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर लोकसभा सीटों के परिसीमन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लेकर तीखा हमला बोला था. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी उत्तरी राज्यों में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए परिसीमन का इस्तेमाल कर रही है और NEP हिंदी को बढ़ावा देने की भाजपा की कोशिश है.
स्टालिन का ₹ चिह्न बदलने का फैसला
वहीं स्टालिन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में रुपये के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल होने वाले आधिकारिक सिंबल ₹ की जगह तमिल लिपि के ரூ का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. देश में ₹ को भारतीय करेंसी रुपए के आधिकारिक सिंबल के रूप में मान्यता प्राप्त है, लेकिन तमिलनाडु के सीएम का कहना है कि राज्य में तमिल को बढ़ावा देने और भाषा बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है.