जबलपुर में अपना दर्द बताना बुजुर्ग को महंगा पड़ा गया मेडिकल स्टोर से दवा लेकर लंगड़ाते हुए रिटायर्ड शिक्षक जा रहे थे, तभी एक शख्स ने उनके दर्द के बारे पूछा, तो उन्होंने उसे अच्छा इंसान समझकर अपना दर्द बयां कर दिया, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनके साथ बड़ी सजिश होने वाली है. दर्द से निजात दिलाने के नाम पर उन्हें लाखों का चूना लगा दिया गया.
शख्स के झांसे में आकर बुजुर्ग झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने को तैयार हो गए. फर्जी डॉक्टर ने उनका इलाज शुरू किया, उसने बुजुर्ग के घुटने के पास पीतल की पाइप से चूस कर खून निकालना शुरू किया. इस दौरान उसने बताया कि खून की हर बूंद के लिए 500 रुपए लगेंगे. फिर क्या था फर्जी डॉक्टर ने कुछ समय तक इलाज करने के बाद उन्हें लाखों रुपए का बिल थमा दिया, बिल देख बुजुर्ग के होश उड़ गए.
जबलपुर के आसपास इन दिनों घुटने का दर्द ठीक करने के नाम पर झोलाछाप डॉक्टरों का एक गिरोह सक्रिय है. यह लंगड़ाते हुए बुजुर्गों को अपने जाल में फंसाते हैं और इलाज के नाम पर लाखों रुपए लूट लेते हैं. इस गिरोह का शिकार हुए जबलपुर के बुजुर्ग ने विजयनगर थाने में पहुंचकर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है.
झोलाछाप डॉक्टर की बातों में आकर बुजुर्ग उससे इलाज करवाने के लिए मान गए. इसके बाद झोलाछाप डॉक्टर ने पीतल की एक पुंगी निकाली और बुजुर्ग के पैर में घुटने के पास इसे शरीर में चुभा दिया और वह मुंह से चूसकर घुटने से पश निकालना शुरू किया. इन्हें पेपर पर ड्रॉप के रूप में इकट्ठा करता चला गया. इसी बीच उसने बताया कि हर ड्रॉप का ₹3000 लेगा. बुजुर्ग को लगा कि ज्यादा से ज्यादा ₹30000 का खर्च होगा, लेकिन उनका पांव ठीक हो जाएगा. लेकिन जब झोलाछाप डॉक्टर ने बिल बनाया तो बुजुर्ग के होश उड़ गए. उन्हें लगभग 6.5 लाख रुपए का बिल थमा दिया गया. रिटायर्ड शिक्षक के पास इतने पैसे नहीं थे लेकिन फिर भी उन्होंने लगभग 1 लाख रुपए आरके पटेल को दे दिए.
झोलाछाप डॉक्टर ने केएल सोनी ने इसके बाद कहा कि वे इस इलाज के बारे में किसी को न बताएं और कुछ दवाएं लिख कर गायब हो गया. बुजुर्ग ने जब पता लगाया तो इन दवाओं की कीमत लगभग 75 हजार रु थी, इसलिए उन्होंने यह दवाई नहीं खरीदी. अब तक बुजुर्ग को यह अंदाज नहीं हुआ था कि वह ठगे गए हैं. एक दिन फिर इसी तरह बाजार से आ रहे थे तभी एक आदमी उनके पास आया और उसने भी उनसे वहीं सवाल पूछा, ” क्या आपके पैर में तकलीफ है? मेरे पिताजी का पांव भी इसी तरह खराब हो गया था और डॉक्टर आरके पटेल नाम ने उन्हें ठीक कर दिया. इस आदमी ने भी नागपुर के आरके पटेल का नंबर ही बुजुर्ग को दिया.” इसके बाद केएल सोनी समझ गए कि उनके साथ धोखा हुआ है. इसके बाद उन्होंने बेटे को घटना की जानकारी दी और फिर ये मामला जबलपुर के विजयनगर थाने पहुंचा.
विजयनगर थाना प्रभारी वीरेंद्र पवार ने कहा, घटना से जुड़े हुए सभी पक्षों की जांच की जा रही है, जो नंबर बुजुर्ग रिटायर्ड टीचर ने उपलब्ध करवाए थे. वे सभी मोबाइल नंबर बंद है, लेकिन फिर भी मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपी को पकड़ने की कोशिश की जा रही है. डॉक्टर का नाम आर पटेल है और जिस बदमाश लड़के ने बुजुर्ग से बात की थी उसका नाम अरुण बताया गया है.