पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में होली के दिन टीएमसी के पंचायत सचिव की हत्या कर दी गई. शनिवार दोपहर को भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच जमकर झड़प हुई. पंचायत प्रधान की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई. इस घटना में दोनों पक्षों के कम से कम छह लोग घायल बताए गए हैं.
यह घटना भुटनी थाना अंतर्गत हीरानंदपुर ग्राम पंचायत के गोवर्धनटोला गांव में घटी. दो परिवारों और रिश्तेदारों के बीच जमीन को लेकर पुराना विवाद चल रहा था. मुख्य विवाद दो चचेरे भाइयों, बीरेन मंडल और फेकोन मंडल के बीच है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को बीरेन की एक बकरी उस खेत में चली गई, जहां गोभी के पौधे लगे थे और उसने कुछ गोभी के पत्ते चबा लिए और इसे लेकर हंगामा मच गया.
टीएमसी नेता की पीट-पीटकर हत्या
इससे नाराज फेकोन मंडल कुछ लोगों को अपने साथ लेकर बीरेन पर हमला कर दिया. उस समय होली खेली जा रही था. जब फेकोन हमला करने आया तो बीरेन के साथ उसका भाई कमल मंडल, उसकी पत्नी और कुछ अन्य लोग भी थे. दोनों पक्षों में झड़प होने लगी. कमल मंडल और उनकी पत्नी की हथौड़े से पिटाई की गई.
कमल मंडल की मौके पर ही मौत हो गई. वह दक्षिण चांदीपुर ग्राम पंचायत के सचिव हैं.पुलिस ने कमल मंडल के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भुटनी पुलिस स्टेशन भेज दिया, जबकि उनकी पत्नी को पहले मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल और बाद में कोलकाता रेफर कर दिया गया. इस बीच, फोकन मंडल को भुटनी थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
मालदा में चौथे टीएमसी नेता की हत्या
हालांकि, भाजपा जिला नेतृत्व का आरोप है कि जिला प्रशासन की नाकामी के कारण पंचायत सचिव की सरेआम हत्या कर दी गई. पूरे जिले में हथियार और नशे का कारोबार बढ़ रहा है. कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में है.
बता दें कि यह चौथा अवसर है, जब मालदा में टीएमसी के किसी नेता की हत्या कर दी गयी है. इससे पहले महज दो महीने पहले ही मालदा में जिले के तृणमूल उपाध्यक्ष दुलाल सरकार उर्फ बाबला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. तृणमूल नेता की 2 जनवरी को इंग्लिश बाजार के महानंदपल्ली में बदमाशों ने कई गोलियों चलाई थी.
कथित तौर पर दुलाल की हत्या 50 लाख रुपए की सुपारी लेकर की गई थी. पुलिस ने हत्या की जांच के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया. सात लोगों को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार लोगों में मालदा शहर के तृणमूल अध्यक्ष नरेन्द्रनाथ तिवारी भी शामिल हैं. जैसे ही नरेन्द्रनाथ को गिरफ्तार किया गया, तृणमूल ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया. उस घटना के दो महीने बाद मालदा में एक और हत्या हुई.