दमोह: मां ही बनी जल्लाद, जंगल में बेटी का गला घोंटने की कोशिश, रेंजर ने बचाया

दमोह :  जिले के तारा देही मार्ग पर रविवार सुबह जंगल में सड़क किनारे एक मां अपनी तीन साल की बेटी का गला दबाकर उसकी जान लेने की कोशिश कर रही थी. इसी समय यहां से निकल रहे तारा देही रेंजर देवेंद्र गुर्जर ने बच्ची को देख लिया. उन्होंने वाहन रोक कर फौरन बच्ची को महिला से छीन लिया. गुस्साई महिला ने रेंजर पर हमला कर दिया और उनकी वर्दी भी फाड़ दी, लेकिन रेंजर ने बच्ची को नहीं छोड़ा.

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रेंजर ने तेंदूखेड़ा टीआई को घटनाक्रम की जानकारी दी. टीआई ने मौके पर जाकर महिला को अपने कब्जे में लिया. उधर बच्ची को तेंदूखेड़ा अस्पताल ले जाया गया जहां उसका चेकअप किया गया. डॉक्टर के अनुसार बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है.

रेंजर ने बताया कि वह तारा देही से दमोह मीटिंग में जा रहे थे. बच्ची के मुंह से खून निकलता देख मैंने वाहन रोका और महिला से बच्ची को छीन लिया.

तेंदूखेडा टीआई विजय अहिवाल ने बताया कि बच्ची सुरक्षित है. महिला बाल विकास विभाग की टीम दमोह से आ रही है. वही तय करेंगे आगे क्या करना है. उन्होंने बताया कि होली के दिन चौरई गांव के महेंद्र घोषी और प्यारेलाल अहिरवाल थाने आए थे. उन्होंने बताया कि बस स्टैंड पर एक महिला अपनी बच्ची के साथ कई दिनों से है, जो अपनी बच्ची के साथ मारपीट करती है. सुरक्षा की दृष्टि से हमने उस बच्ची को अपने घर पर रख लिया है, लेकिन एक दिन बाद वह महिला बच्ची को लेकर वहां से चली गई.

महिला अपना नाम लक्ष्मी और पति का नाम अशोक बता रही है, लेकिन वह कहां की है, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दे पा रही है. इसी बीच किरण अहिरवार नाम की महिला भी थाने पहुंच गई और उसने कहा कि वह इस बच्ची को गोद लेना चाहती है. हालांकि कानूनी प्रक्रिया के तहत ही बच्ची का गोदनामा होगा.

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