GST, लेबर सेस, बीमा और फीस… अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट ने सरकार को चुकाए 400 करोड़ टैक्स!

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर 96 प्रतिशत बनकर तैयार हो चुका है. माना जा रहा है जून तक मंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा. मंदिर में अब तक 2150 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं और ट्रस्ट ने जीएसटी समेत अन्य मद में 396 करोड़ रुपए टैक्स के रूप में सरकार को दिया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मणिराम दास छावनी में आयोजित बैठक के बाद ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने यह जानकारी दी है.

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रविवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अध्यक्षता में हुई. इसमें 7 ट्रस्टी मौजूद रहे. 4 विशेष आमंत्रित सदस्य भी मौजूद रहे. 4 न्यासी केशव पराशरण, विमलेंद्र मोहन मिश्र, युगपुरुष परमानंद, नृपेंद्र मिश्र ऑन लाइन बैठक में मौजूद रहे. बैठक में 12 ट्रस्टी उपस्थित रहे. 2 ट्रस्टी अनुपस्थित रहे. ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल की मृत्यु की वजह से स्थान रिक्त हुआ है. मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास और ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल को श्रद्धांजलि दी गई.

चंपय राय ने बताया पूरा लेखा-जोखा

बैठक में मंदिर पर हुए खर्च और राम मंदिर निर्माण प्रगति पर ट्रस्टियों ने चर्चा की. महामंत्री चंपत राय ने बताया कि 5 फरवरी 2020 को ट्रस्ट का गठन हुआ. 28 फरवरी 2025 तक 5 वर्षों में ट्रस्ट के अकाउंट से सरकार की विभिन्न एजेंसियों को 396 करोड़ का भुगतान हुआ है. जीएसटी 272 करोड़, टीडीएस 39 करोड़, लेबर सेस 14 करोड़, ईएसआई 7.4 करोड़, बीमा में 4 करोड़, जन्मभूमि के नक्शे के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण को 5 करोड़, अयोध्या में जमीनें खरीदने पर स्टांप शुल्क 29 करोड़, 10 करोड़ बिजली बिल, 14.9 करोड़ रॉयल्टी के रूप में सरकार को दिया गया है, इसमें पत्थरों की रॉयल्टी राजस्थान सरकार, कर्नाटक सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और यूपी सरकार को दी गई है.

5 वर्षों में 2150 करोड़ कुल खर्च हुए. निर्माण कार्य की जमीन भी खरीदी गई है. खास बात यह है कि यह सहयोग ट्रस्ट को समाज से मिला है, लेकिन सरकार की कोई भी आर्थिक मदद नहीं ली गई है. वाटर टैक्स अभी नहीं दिया गया क्योंकि निगम से पानी लिया नहीं जाता है. राजकीय निर्माण निगम यूपी को 200 करोड़ प्रदान किया जा रहा है, जिसमें रामकथा संग्रहालय, विश्रामगृह, 70 एकड़ के चारों ओर तीन द्वार का निर्माण हो रहा है.

944 चांदी भेंट में मिली

5 वर्षों में समाज ने 944 किलो चांदी दी. सरकार की एजेंसी टकसाल ने बताया है कि दान में मिला चांदी 92 प्रतिशत शुद्ध है जिसको 20 किलों की ईंटें के रूप में परिवर्तित किया गया है. ERP सिस्टम दो वर्षों में डेवलप किया, जो खर्चों का पारदर्शी डिजिटल प्लेट फार्म है. जून में मंदिर निर्माण पूरा होगा। परकोटा अक्तूबर तक, शबरी, निषाद, ऋषियों के 7 मंदिर में मई तक पूरा होगा, शेषावतार अगस्त तक पूरा होगा. चांदी की शुद्धता की जांच सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मीटिंग कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड द्वारा की जा रही है. पूरी चांदी को गला कर 20-20 किलो की ईंटों में परिवर्तित किया गया है.

मंदिर का 96 फीसदी काम पूरा

मंदिर 96 प्रतिशत पूरा हो चुका है. सप्त मंदिर 96 प्रतिशत, परकोटा 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है. राम नवमी के दिन संत तुलसी दास की प्रतिमा का अनावरण होगा. अन्य मंदिर की मूर्तियों को 30 अप्रैल अक्षय नवमी तक स्थापित होगी, लेकिन पूजन प्राण प्रतिष्ठा के लिए अलग बैठक में तय होगा. तीर्थ यात्रियों को आवास उपलब्ध करवाना हेतु दान दाता का सहयोग लिया जाएगा जिसमें उनका पत्थर लगाया जाएगा.

अंगद टीला प्रांगण में अन्न क्षेत्र की शुरुआत होगी. भगवान के वस्त्र, पुष्प सज्जा, आरती भोग, फूल बंगला में समाज की भागीदारी होगी. रामनवमी का आयोजन वाल्मीकि रामायण, राम चरित मानस का नवान् पारायण पाठ होगा और एक लाख दुर्गा पूजन मंत्र आहूति दी जाएगी. सूर्य तिलक राम नवमी के दिन दोपहर 12 बजे 4 मिनट तक रामलला के ललाट पर होगा. 50 स्क्रीन से अयोध्या के लोग देख सकेंगे.

भगवान के गहने, मुकुट, जेवर मिले हैं. 5 वर्षों में मंदिर को विदेश से दान स्वरूप आया. L&t को निर्माण के लिए 1200 करोड़ मिला है. आचार्य सत्येंद्र दास के शरीर छोड़ने के बाद मुख्य पुजारी का पद समाप्त हो गया है. बैठक में जानकारी दी गई कि मंदिर निर्माण 96% पूरा हो गया. जून 2025 तक कार्य पूर्ण होने की संभावना है.

बैठक की मुख्य बातें…

– राम नवमी पर होगा सूर्य तिलक का अद्भुत नजारा.
– राम नवमी के दिन दोपहर 12:04 मिनट पर सूर्य तिलक होगा.
– श्रद्धालु 50 से अधिक स्थानों पर लगी स्क्रीन के माध्यम से इस अद्भुत दृश्य के दर्शन कर सकेंगे.
– भव्य आयोजन और धार्मिक अनुष्ठान.
– अंगद टीला पर 30 मार्च से 6 अप्रैल तक अतुल कृष्ण की कथा होगी.
– वाल्मीकि रमणीय का नौवहन पारायण किया जाएगा.
– दुर्गा पूजन और यज्ञ के साथ एक लाख मंत्रों की आहुति दी जाएगी.
– मंदिर के गहनों की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध होगी.
– भगवान राम के गहनों, मुकुट, पूजा और भोग की जानकारी ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा की जाएगी.
– 1200 करोड़ रुपए का भुगतान एलएंडटी को.
– मंदिर निर्माण कार्य के लिए एलएंडटी को 1200 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है.

 

 

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