छत्तीसगढ़ चैंबर चुनाव को लेकर असमंजस के हालात बनते जा रहे हैं। पिछली बार के चुनाव में विरोधी पैनल अब एक साथ आ गए हैं। मौजूदा अध्यक्ष अमर पारवानी (जय व्यापार पैनल) और पिछले चुनावी में प्रतिद्वंदी रहे श्रीचंद सुंदरानी (एकता पैनल) वाले पैनल के बीच समझौता या कहा जाए गठबंधन हो गया है।
दोनों एक दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी उतारने के बजाय एक साथ ही प्रत्याशी उतार रहे हैं। दोनों पैनल ने मिलकर प्रदेश अध्यक्ष के लिए सतीश थौरानी, प्रदेश महामंत्री के लिए अजय भसीन और प्रदेश कोषाध्यक्ष के लिए निकेश बरडिया को चुनाव में उतारा है।
अब तक की स्थिति में कोई इनके खिलाफ चैंबर चुनाव में सामने भी नहीं आया है। विरोधी पैनल के बीच हो चुके समझौते के बाद इसकी उम्मीद भी नहीं बची है। इस वजह से इन पदों पर निर्विरोध घोषणा जैसे हालात बन रहे हैं। उपाध्यक्ष पद पर चुनाव की नौबत आ सकती है।
पैनल में एक भी अग्रवाल समाज से प्रत्याशी नहीं रविवार को अग्रवाल समाज का होली मिलन समारोह था। इस बैठक में चैंबर चुनाव को लेकर भी समाज के पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में इस बात पर नाराजगी भी बड़े व्यापारियों ने जताई कि एकता और जय व्यापार पैनल ने मिलकर जो प्रत्याशी उतारे हैं उनमें एक भी अग्रवाल समाज से नहीं है।
बैठक में शामिल एक व्यापारी नेता ने बताया कि इसके बाद समाज ने 11 लोगों की एक कमेटी बनाई है। ये कमेटी आज (सोमवार) बैठक करेगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी।
पारवानी ने खुद को दूर किया अब तक अध्यक्ष रहे अमर पारवानी ने खुद को चुनाव से अलग कर लिया है। उन्होंने इसे अपना अंतिम फैसला बताते हुए एक लेटर जारी किया है। पारवानी की ओर से कहा गया कि, यह फैसला किसी व्यक्तिगत लाभ या हानि से परे, व्यापारी समाज के हितों, संगठन की गरिमा और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से लिया गया है।
21 मार्च तक सीन क्लियर होगा
- चुनाव अधिकारी प्रकाश गोलछा ने बताया कि, व्यापारी नामांकन 17–18–19 मार्च तक दे सकते हैं।
- 20 मार्च शाम तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
- नामांकन पत्र शुल्क- प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री एवं कोषाध्यक्ष पद के लिए 31000 रुपए
- प्रदेश उपाध्यक्ष एवं मंत्री पद के प्रत्याशियों के लिए 15000 रुपए
- 21 मार्च की शाम तक निर्वाचन समिति नामांकन आने की परिस्थिति के हिसाब से तय करेगी कि निर्विरोध पदाधिकारियों के नामों का ऐलान होगा या चुनाव की प्रक्रिया में भी जाने का विकल्प होगा
उद्योग विभाग भी शामिल हुआ
अब तक देखा गया कि चैंबर में चुनाव को लेकर फर्म रजिस्ट्रार विभाग के पास विवादों का निपटारा होता था। मगर इस बार प्रदेश सरकार का उद्योग विभाग भी चेंबर चुनाव में शामिल हुआ है। छत्तीसगढ़ शासन वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के उप सचिव रेना जमील के हस्ताक्षर वाले आदेश मिलने के बाद निर्वाचन समिति ने फैसला लिया कि पुराने संविधान के अनुसार ही वर्तमान चैंबर चुनाव होगा।
वर्तमान प्रक्रिया के तहत प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष के साथ रायपुर सहित 26 जिलों के लिए 10 चरण में निर्वाचन प्रक्रिया होगी। इसमें भिलाई और रायपुर जिले में दो दिवसीय मतदान प्रक्रिया होगी।
उन्होंने आगे बताया कि अब रायपुर जिले के लिए 8 उपाध्यक्ष और 8 मंत्री पद पर चुनाव होना है। साथ ही प्रदेश के तीन पद अध्यक्ष, महामंत्री, कोषाध्यक्ष के लिए 27 हजार 480 मतदाता मतदान करेंगे अगर चुनाव की स्थिति आती है तो।
इसके अलावा सरगुजा, सूरजपुर, मनेंद्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर, गौरेला–पेंड्रा–मारवाही, धमतरी, दंतेवाड़ा, कांकेर, रायगढ़, जशपुर, सारंगढ़–बिलाईगढ़, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, कबीरधाम, बालोद, बिलासपुर, सक्ति, कोरबा, जांजगीर–चांपा, मुंगेली, बेमेतरा महासमुंद, गरियाबंद, बलोदाबाजार–भाटापारा में 1 उपाध्यक्ष और 1 मंत्री के पद के लिए वोटिंग होगी
बड़े पद रायपुर के व्यापारियों के ही लिए छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के चुनाव का नियम है कि संस्था के अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष पदों के लिए केवल रायपुर और नया रायपुर के सदस्य ही चुनाव लड़ सकते हैं।
चुनाव अधिकारी प्रकाश गोलछा ने इस नियम की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मौजूदा संविधान के अनुसार रायपुर और नया रायपुर के सदस्य ही प्रमुख पदों के लिए चुनाव लड़ सकते हैं।
अन्य जिलों के सदस्य केवल उपाध्यक्ष और मंत्री पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। चूंकि रायपुर के दो पैनल ने एक साथ अपने लोग उतारे हैं, इस वजह से उनके सामने मुकाबला ही नहीं है। कुछ समय पहले इस नियम का बिलासपुर के कुछ व्यापारियों ने विरोध भी किया था।
सुंदरानी-पारवानी गुट में एक साल से जारी खींचतान बीते करीब एक साल से श्रीचंद सुंदरानी और अमर पारवनी गुट में खींचतान जारी थी। हालांकि अचानक दोनों गुटों से एक साथ चुनाव में उतरने का फैसला कर लिया। इससे पहले चैंबर ने संगठन के संविधान में बदलाव को मंजूरी दी थी।
बदलाव ये था कि अब से अध्यक्ष, महामंत्री और कोषाध्यक्ष पद के लिए कोई भी पदाधिकारी 2 बार के कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से चुनाव लड़ सकेगा। इससे पहले नियम यह था कि जो 2 बार इन पदों पर रहा हो वो चुनाव नहीं लड़ सकता। इसी नियम को लेकर दोनों गुट भिड़े हुए थे, इसकी वजह से चैंबर चुनाव टलता चला जा रहा था।
12 लाख व्यापारी और उनके बड़े एसोसिएशन चैंबर ऑफ कॉमर्स से प्रदेश के छोटे बड़े 12 लाख व्यापारी जुड़े हुए हैं। प्रदेश के चुनाव के बाद जिलों में भी अपनी टीम चुने हुए पदाधिकारी बनाते हैं। छत्तीसगढ़ में व्यापारियों की इकलौती सबसे बड़ी यूनियन चैंबर ही है, इसके तहत कई एसोसिएशन आते हैं।
कुछ चर्चित एसोसिएशन ये हैं- 1. छत्तीसगढ़ फ्लाई ऐश ब्रिक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन। 2. रायपुर क्रेशर संचालक एसोसिएशन । 3. श्री शीतला चौक व्यापारी संघ। 4. टॉयज एण्ड गिफ्ट एसोसिएशन। 5 .रायपुर फायनेंस एडवाइर एसोसिएशन। 6. छत्तीसगढ़ वायर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन। 7. अमानाका व्यापारी संघ। 8. श्री बालाजी थोक फल व्यापारी संघ। 9. छत्तीसगढ़ पान व्यापारी संघ। 10. रायपुर कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन। 11. छत्तीसगढ़ होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन।