फोन की दीवानगी ऐसी है कि हर कुछ समय बाद मोबाइल पुराना लगने लगता है और ऐसा इसलिए क्योंकि टेक्नोलॉजी तेजी से बदलती जा रही है. कंपनियां लोगों के लिए एडवांस फीचर्स वाले नए-नए फोन लेकर आ रही हैं, न केवल भारत बल्कि दुनियाभर में स्मार्टफोन्स की धूम देखने को मिलती है. 2024-2025 के शुरुआती 11 महीनों में ही इंडिया से स्मार्टफोन एक्सपोर्ट का आंकड़ा 1.75 लाख करोड़ (लगभग 21 अरब डॉलर) को पार कर गया.
एक बात जो यहां पर गौर करने वाली है वह यह है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जो अनुमान लगाया था, ये आंकड़ा उससे काफी ज्यादा है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक्सपोर्ट 20 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद थी, जबकि केवल 11 महीने में ही आंकड़ा 21 अरब डॉलर को पार कर गया.
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के अनुसार, ये आंकड़ा पिछले साल के शुरुआती 11 महीने की तुलना में 54 फीसदी ज्यादा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत से एक्सपोर्ट होने वाले डिवाइस में ऐपल का सबसे बड़ा योगदान है. ऐपल वेंडर्स द्वारा केंद्र और राज्य सरकार को दी गई जानकारी के मुताबिक, ऐपल का एक्सपोर्ट 1.25 लाख करोड़ पहुंच चुका है, इस दौरान आईफोन का योगदान 70 फीसदी रहा है.
इससे एक बात तो साफ है कि न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी एपल की दीवानगी बहुत ज्यादा है और ऐसा इसलिए भी है क्योंकि ऐपल अपने यूजर्स के बेहतर एक्सपीरियंस के लिए ऐसे डिवाइस तैयार करता है जो लोगों को खूब पसंद आते हैं.
कौन है बड़ा खरीदार?
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यूरोप और अमेरिका, ये दो ऐसे देश हैं जहां इस वक्त भारत से सबसे ज्यादा फोन निर्यात होता है. ऐसा अनुमान है कि भारत से निर्यात होने वाले 50 से 55 फीसदी फोन अमेरिका जाते हैं जिसमें सबसे बड़ा योगदान आईफोन का है. अनुमान है कि कुल निर्यात में एपल वेंडर्स फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेगाट्रॉन जैसी कंपनियां 70 फीसदी की हिस्सेदारी रखती हैं. बाकी का निर्यात सैमसंग के अलावा भारतीय ब्रैंड्स मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट कर रहे हैं.