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 अमृतसर में मंदिर के बाहर हुआ था विस्फोट, पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया संदिग्ध आरोपी 

punjab amritsar temple explosion suspect encounter: पंजाब के अमृतसर में एक मंदिर के बाहर हुए विस्फोट की घटना का संदिग्ध आरोपी पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया. जबकि, एक दूसरा संदिग्ध आरोपी भागने में कामयाब हो गया, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रही है. पुलिस ने दोनों संदिग्धों की शिनाख्त कर ली है.

दरअसल, अमृतसर ठाकुर द्वार मंदिर के बाहर 15 मार्च को एक विस्फोट हुआ था, जब एक व्यक्ति ने विस्फोटक उपकरण मंदिर की ओर फेंका था, जिससे मंदिर की दीवार का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था और खिड़कियों के शीशे टूट गए थे. तभी से पुलिस इस वारदात में शामिल आरोपियों की तलाश में जुट गई थी.

अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने पीटीआई को बताया कि मुठभेड़ में मारे गए संदिग्ध की पहचान बल गांव निवासी गुरसिदक सिंह के रूप में हुई है, जबकि फरार होने वाले दूसरे संदिग्ध आरोपी की पहचान राजासांसी निवासी विशाल के रूप में हुई है.

पुलिस कमिश्नर ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि मोटरसाइकिल पर सवार संदिग्धों को पुलिस टीम ने रुकने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने पुलिसकर्मियों पर गोलियां चला दीं. उनकी फायरिंग में हेड कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह के बाएं हाथ में गोली लगी, जबकि एक गोली इंस्पेक्टर अमोलक सिंह की पगड़ी में लगी.

 

दौरान आरोपियों ने पुलिस टीम पर पांच राउंड फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस टीम ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की. जिसमें गुरसिदक सिंह घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई, जबकि विशाल भागने में सफल रहा, पुलिस आयुक्त भुल्लर ने कहा कि उसे गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं.

पुलिस के मुताबिक, गुरसिदक सिंह बंदूक की नोक पर छीनाझपटी के दो मामलों में शामिल था और हाल ही में जेल से रिहा हुआ था. विशाल पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है. इससे पहले, पंजाब पुलिस प्रमुख गौरव यादव ने कहा कि विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए अमृतसर पुलिस ने मंदिर पर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगा लिया है.

पंजाब पुलिस के महानिदेशक यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘पुलिस टीमों ने राजासांसी में संदिग्धों का पता लगाया है. आरोपियों ने फायरिंग की, जिसमें एचसी गुरप्रीत सिंह घायल हो गए और इंस्पेक्टर अमोलक सिंह की पगड़ी टूट गई.’

डीजीपी ने बताया “आत्मरक्षा में कार्रवाई करते हुए पुलिस पार्टी ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें आरोपी घायल हो गया. उसे सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में उसकी मौत हो गई. अन्य आरोपी मौके से भाग गए, और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं.”

आरोपियों की करतूत एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दो अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर मंदिर की ओर आते हुए दिखाई दिए. कुछ सेकंड रुकने के बाद, उनमें से एक को मंदिर की ओर विस्फोटक उपकरण फेंकते हुए देखा गया और बाद में दोनों घटनास्थल से भाग गए.

पंजाब पुलिस ने कहा है कि उसे हमले में पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की भूमिका पर शक है. हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन विस्फोट से अमृतसर के खंडवाला इलाके के निवासियों में दहशत फैल गई थी.

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