Uttar Pradesh: सैफई क्षेत्र के ग्राम तरकारा निवासी एक युवक की उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में इलाज के दौरान मौत के बाद शव को लेकर परिजन घर पहुंचे तो ससुराल पक्ष ने घर में रखने से मना कर दिया, मैनपुरी जिले के करहल थाने गए तो पुलिस ने कार्रवाई से इनकार कर दिया, इसके बाद स्वजन शव लेकर सैफई थाने पहुंचे, जहां करीब एक घंटे तक न्याय की गुहार लगाते रहे, पुलिस ने अंतिम संस्कार करने की सलाह दी और संपत्ति विवाद को तहसील स्तर पर हल कराने की बात कही.
ग्राम तरकारावाचा निवासी सुनील 37 बर्षीय पुत्र राजेंद्र सिंह की बीमारी के चलते सोमवार को उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में मौत हो गई थी, पत्नी सुषमा ने बताया कि, ससुर की दो शादियां हुई थीं. पहली पत्नी चंद्रमुखी से सुनील का जन्म हुआ, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। इसके बाद ससुर ने मीरा देवी से दूसरी शादी की, जिनसे एक पुत्र सुशील कुमार और एक पुत्री हैं.
सुषमा का आरोप है कि, ससुर ने अपनी दूसरी पत्नी के बेटे सुशील की पत्नी गीता के नाम चार बीघा जमीन कर दी, जिससे सुनील मानसिक तनाव में रहने लगे. लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था, लेकिन सोमवार को उनकी मौत हो गई. शव को लेकर जब परिजन करहल स्थित अपने मकान पहुंचे तो ससुराल पक्ष ने शव घर में रखने से इनकार कर दिया.
इसके बाद स्वजन करहल थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने इसे सैफई का मामला बताकर कार्रवाई से इनकार कर दिया. मजबूर होकर स्वजन शव लेकर सैफई थाना पहुंचे, जहां करीब एक घंटे तक पुलिस से न्याय की गुहार लगाई. पुलिस ने अंतिम संस्कार करने की सलाह दी और संपत्ति विवाद को लेकर तहसील स्तर पर मामला निपटाने की बात कही, उसके बाद स्वजन शव का अंतिम संस्कार गए.