सेक्स सीडी कांड में बरी होने के बाद भी बढ़ सकती हैं भूपेश बघेल की मुश्किलें! CBI ने दायर की रिवीजन याचिका

पूर्व सीएम भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ के चर्चित सेक्स सीडी कांड केस (Chhattisgarh CD Kand) में मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. सीबीआई (CBI) ने स्पेशल कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दायर की है. कोर्ट ने सीडी कांड मामले में 4 मार्च को बरी कर दिया था, लेकिन अब सीबीआई ने उन्हीं आरोपों को चुनौती दी है. रायपुर कोर्ट में 4 अप्रैल को मामले की सुनवाई होनी है.

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कोर्ट ने चार मार्च को मामले में बघेल के खिलाफ सभी धाराएं हटा दी थीं और कहा था कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं है. CBI ने आरोप लगाया है कि फर्जी CD बनवाने के लिए 75 लाख में डील हुई थी. सेक्स सीडी कांड मामले में कैलाश मुरारका, पूर्व सीएम के मीडिया सलाहकार रहे विनोद वर्मा, विजय पांड्या, विजय भाटिया को मुख्य आरोपी बनाया गया है. वहीं, एक अन्य आरोपी रिंकू खनूजा की मौत हो चुकी है.

क्या है छत्तीसगढ़ अश्लील सीडी कांड?

27 अक्टूबर, 2017 को छत्तीसगढ़ में एक कथित अश्लील सीडी कांड सामने आया था. इसे कथित रूप से पूर्व मंत्री राजेश मूणत का बताया जा रहा था. दरअसल, इस सीडी में एक आपत्तिजनक वीडियो था, जिसे लेकर भूपेश ने दावा किया था कि महिला के साथ बेहद आपत्तिजनक स्थिति में दिखने वाला व्यक्ति मंत्री राजेश मूणत हैं. कुछ ही समय में यह वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. हालांकि इस सीडी के सामने आने के बाद मंत्री मूणत ने इसका खंडन करते हुए सीडी को फर्जी बताया और मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की.

भूपेश बघेल भी हुए गिरफ्तार

वहीं, इस मामले में रायपुर के सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. सीडी सार्वजनिक होने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने गाजियाबाद से वरिष्ठ पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया था. फिर 2018 में ही कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को गिरफ्तार किया था. रायपुर पुलिस ने बघेल पर साजिश रचने का आरोप लगाया था.

सीबीआई को सौंपा गया केस

उसके बाद केस सीबीआई को सौंप दिया गया. इसके बाद सीबीआई ने कैलाश मुरारका, विनोद वर्मा, दुर्ग के कारोबारी विजय भाटिया, दिवंगत कारोबारी रिंकू खनूजा, विजय पांडया पर केस दर्ज किया था. उसके बाद भूपेश बघेल को 27 सितंबर 2018 को सीबीआई की विशेष अदालत ने जमानत दे दी.

साल 2018 के अंत में हुए राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भारी जीत दर्ज की और बघेल प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए. उसके मामले की कार्रवाई वर्षों तक निष्क्रिय रही. अब जब भाजपा की सरकार बन गई तो मामले में फिर से जांच शुरू हुई है.

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