“खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है…” बेशक यह पंक्ति अल्लामा इकबाल ने लिखी हैं, लेकिन सोनभद्र में एक ही परिवार के तीन सगी बहनों का यूपी पुलिस में सिलेक्शन होने के बाद अल्लामा इकबाल की यह लाइनें सटीक बैठ रही हैं. बहनों का यूपी पुलिस में सिलेक्शन होने के बाद परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है. घर-परिवार के साथ-साथ इन तीनों सगी बहनों ने जिले का नाम भी रोशन किया है. ये तीनों बहनें एक साधारण किसान परिवार से आतीं है. इनके पिता एक किसान हैं, जबकि इनके दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रह चुके हैं. ग्रामीण परिवेश और पढ़ाई में मुश्किलों का सामना करने के बावजूद भी इन्होंने सिपाही भर्ती परीक्षा पास की.
सोनभद्र जिले के करमा थाना क्षेत्र के करकी गांव निवासी तीन बहनों का यूपी पुलिस में सिलेक्शन काफी चर्चाओं में है. करकी गांव निवासी तीन बहनें आराधना पटेल, मंजू पटेल और सुमन सिंह पटेल ने सिपाही भर्ती की परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित होकर न सिर्फ परिवार बल्कि जिले का नाम रोशन किया है. सुमन सिंह पटेल की शादी हो गई है. उनका कहना है कि मुझे आगे बढ़ाने में मेरे परिवार और ससुराल पक्ष दोनों का काफी सहयोग मिला.
सफलता के लिए दादा और पिता को दिया श्रेय
मेरे दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. उनका बहुत श्रेय रहा है और मेरे पिता ने हम लोगों के लिए बहुत कुछ किया है. वह अपना गम कभी नहीं बताते थे और हम लोगों का हर सपना पूरा करते थे. जो हम लोगों ने चाहा, वह हम लोगों ने पढ़ाई के दौरान किया. उन्होंने अपना कष्ट कभी नहीं बताया. हमारे गुरुजी लोगों का बहुत सहयोग मिला. ससुराल में मुझे बहुत सहयोग मिला. मैं एएनम का कोर्स कर रही हूं. मुझे मेरी पूरी फैमिली का स्पोर्ट मिला.
यूपी की बहनों को जागरूक करेंगे
वहीं आराधना सिंह पटेल ने बताया कि पुलिस में जाना मुझे अच्छा लग रहा है. हम अपने देश की रक्षा करना चाहते हैं. अपहरण की घटनाओं को लेकर अपने यूपी की बहनों को जागरूक करेंगे. इस सफलता का श्रेय हम स्कूल के गुरुजी लोगों को देना चाहेंगे और डॉक्टर को, क्योंकि मैं एएनएम भी करती हूं. साथ ही साथ में माता-पिता का भी. गांव के लोगों के लिए कहना चाहूंगी कि आगे आएं. अपने परिवार, स्कूल का नाम रोशन करें और देश का नाम आगे बढ़ाएं.
नमक-रोटी खाकर बेटियों को पढ़ाया
तीनों बेटियों के पुलिस सिलेक्शन के बाबत पिता अनिल कुमार ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी मिल रही है. बेटियों को पढ़ाई कराने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. नमक-रोटी खाकर इन बच्चों को पढ़ाया है. बच्चों ने जो चाहा हमने किसी तरह उनकी इच्छाओं को पूरा किया. हमारे पिताजी सेनानी थे. हम सबने उनकी सेवा की है और उनका लाभ भी लिया है. नौकरी के लिए सेनानी कोटा लगाया था, जिससे हम लोगों को लाभ मिला है.