नागपुर हिंसा पर सियासत तेज… नितेश राणे ने अबू आजमी को ठहराया जिम्मेदार, उद्धव बोले- डबल इंजन सरकार विफल

महाराष्ट्र में हाल के दिनों में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव ने नितेश राणे और अबू आजमी जैसे नेताओं को आमने-सामने ला खड़ा किया है. नितेश राणे ने अबू आजमी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सांप्रदायिकता की शुरुआत की और औरंगजेब के महिमामंडन के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह के विवादित लोगों को बड़ा बनाने के पीछे आजमी की भूमिका रही है और इसका नतीजा आज हम सब देख रहे हैं.

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अबू आजमी ने इन आरोपों का सामना करते हुए शांति और भाईचारे की अपील की है. उन्होंने कहा कि नागपुर में हुआ घटनाक्रम अत्यंत दुखद था और उन्होंने हिंदू-मुस्लिम दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने और आपसी सद्भाव बढ़ाने की अपील की. उनका मानना है कि कानून को अपना काम करना चाहिए और इन्साफ होना चाहिए.

अबू आजमी ने की शांति बनाए रखने की अपील

अबू आजमी ने कहा, “बेहद अफसोस के साथ आज नागपुर में सांप्रदायिकता की आग में झुलसते हुए देखा. मेरी हिन्दू – मुस्लिम सभी भाइयों से अपील है कि हमें शान्ति बनाए रखना है और आपसी भाईचारे को बढ़ाना है. कानून अपना काम करेगा – लेकिन इंसाफ होना चाहिए.”

उद्धव ठाकरे ने मांगा इस्तीफा

शिवसेना (ubt) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नागपुर हिंसा पर कहा, “मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं, न ही मैं गृह मंत्री हूं. मुख्यमंत्री को पूछिए कि इसके पीछे कौन है? क्योंकि rss का मुख्यालय वहां है. यहां डबल इंजन सरकार है. अगर डबल इंजन सरकार विफल है तो इन्हें इस्तीफा देना चाहिए.”

पहले भी पुलिसकर्मियों पर हुए हमले – नितेश राणे

नितेश राणे का मानना है कि राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने उचित और सटीक जानकारी दी है. उन्होंने पुलिस पर हुए हमले की बात करते हुए कहा कि यह घटना सुनियोजित थी और इसके पीछे जिहादी विचारधारा काम कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि जिस किसी ने भी पुलिस पर हमला किया है, उसे माफ नहीं किया जाएगा, और सरकार सख्त कार्रवाई करेगी.

यह विवाद तब और तीव्र हो गया जब पुलिसकर्मियों पर हमले की खबरें सामने आईं. नितेश राणे ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब पुलिस निशाने पर आई हो. इससे पहले भी कई आंदोलनों में पुलिसकर्मियों पर हमले हुए हैं.

नितेश राणे ने कहा कि इससे पहले भी आजाद मैदान के ऊपर रजा अकादमी का आंदोलन हुआ था. तब भी पुलिस के ऊपर हाथ उठाया गया था. महिला पुलिस के ऊपर हाथ उठाया गया था. कुछ सालों पहले मुझे ऐसा लगता है 2008 के करीब ये हुआ था जब भिवंडी में आंदोलन हुआ था. वहां भी दो पुलिसकर्मियों को मार डाला गया था.

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