जिले के बीटीआई पारा के गर्वित सिंह अभी केवल 01 साल के हैं. जन्म के साथ ही उनके होंठ एवं तालू में विकृतियां थी. इससे उनके माता-पिता में चिंता व्याप्त हो गई और बच्चें के इलाज और उसमें होने वाले खर्चे को लेकर सोच में पड़ गए. ऐसे में अस्पताल के डॉक्टरों के द्वारा चिरायु योजना की जानकारी दी गई. चिरायु के जिला नोडल अधिकारी अरविंद रात्रे ने परिजनों को चिरायु योजना की जानकारी देने के साथ ही बच्चों को इससे मिलने वाली निःशुल्क इलाज के संबध में बताया. इससें परिजनों को काफी राहत मिली.
गर्वित को बेहतर इलाज के लिए रायपुर स्थित ओम हॉस्पिटल शासकीय व्यय पर भेजा गया. जहां डॉक्टरों ने बताया की बच्चे का ऑपरेशन करना अधिक कारगर होगा. जिसे देखते हुए डॉक्टरों ने परिजनों से चर्चा कर बच्चे के पहला ऑपरेशन 6 माह होने पर उसके होंठ का किया गया. इसके बाद बच्चे के आठवें माह मे तालू का ऑपरेशन किया गया. जिसके बाद बच्चे का चेहरा सामान्य हो गया. इससे उनके परिजन काफी खुश हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है. सरकार ने गरीबों की पीड़ा को समझा और इलाज के लिए बेहतर संस्थानों में भेजकर निःशुल्क इलाज करा रही है.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य परीक्षण कर चिरायु की टीम लगातार जांच कर बच्चों बेहतर इलाज कराया जा रहा है. चिरायु की टीम के द्वारा कटे-फटे होंठ, जन्म जात मोतियाबिंद, टेढ़े-मेढ़े हाथ पैर, श्रवण बाधा सहित 44 प्रकार की बीमारी तथा विकृति पर कार्य किया जाता है. बच्चों को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराकर उसका निःशुल्क उपचार कराया जाता है. जरूरत पड़ने पर बच्चों को उच्च स्थान पर रेफर भी कराया जाता है.