Madhya Pradesh: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बनी सड़क उखड़ कर क्षतिग्रस्त हो गई है, हालात तब हैं जब यह मार्ग गारंटी पीरियड में है, सरकार की मंशा है कि, हर गांव तक सड़क पहुंचाई जाए, जिससे ग्रामीण को होने वाली असुविधा से बचाया जा सके। साथ ही मुख्य मार्गो से छोटे-छोटे गांव को सड़क के माध्यम से जोड़ा जाए, जिससे कि ग्रामीण क्षेत्र में विकास की रफ्तार ले सकें, लेकिन बडौदा तहसील क्षेत्र में बनी सड़कों व पुलियाएं रख रखाव अवधि में क्षतिग्रस्त हो रही हैं.
किसान नेता राधेश्याम मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा निर्माण के दौरान बरती गई लापरवाही व ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण कार्य किए जाने की वजह से निर्माण कार्य धराशाई हो रहे हैं, पीपल्दा से लेकर श्रीपुरा तक बनने वाली सड़क निर्माण कार्य अवधि में ही धंस गई है और किनारों से कट गई, सवाल यह उठता है कि क्या निर्माण कार्य 5 साल के लिए ही किया जाता है, वहीं निर्माण के बाद की रख रखाव की अवधि में ही सड़क बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। किसान नेता ने बताया कि, गारंटी अवधि में सड़क की साइडें धंसने लगी है जिससे निर्माण में बरती गई लापरवाही उजागर हो रही है.
क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत कर रहे मांग
वहीं क्षतिग्रस्त सड़क को सुधरवाने के लिए लंबे से ग्रामीण मांग कर रहे हैं, लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ है। किसान नेता राधेश्याम मीणा और ग्रामीणों ने बताया कि, उक्त मार्ग का इस्तेमाल पीपल्दा श्रीपुरा सहित अन्य गांव के लोग प्रतिदिन करते हैं। जिन्हें क्षतिग्रस्त सड़क से आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
किसान नेता राधेश्याम मीणा मूंडला ने आरोप लगाते हुए बताया कि पीपल्दा से लेकर श्रीपुरा तक लगभग साढ़े सात किलोमीटर की सड़क गारंटी अवधि के समय ही कई जगह से उखड़कर जर्जर अवस्था में पहुंच गई है, पीपल्दा गांव के पास सड़क में एक गड्ढा बना गया है सड़क में साइड नहीं बनने के कारण उक्त गड्ढे के स्थान पर आए दिन दुर्घटनाएं घटित होती रहती है, सड़क के दोनों और साइडों का निर्माण भी नहीं किया गया है सड़क बनाने में लापरवाही एवं अनियमितताए बरती गई है. सड़क निर्माण में सड़क बनाने वाले ठेकेदार एंव विभागीय अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया है जिसके कारण सड़क जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी है, किसान नेता राधेश्याम मीणा ने मांग करते हुए कहा कि, प्रशासन से सड़क की जांच करवाकर ठेकेदार एवं उक्त विभागीय इंजीनियर व अधिकारियों पर कार्रवाई करें, सड़क को दुरुस्त किया जाए एवं सड़क के दोनों और साइडों का निर्माण करवाया जाए अन्यथा सड़क से लगने वाले ग्रामीणों को लेकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे.