भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का नया अध्यक्ष कौन होगा? सूत्रों के मुताबिक, इस सवाल का जवाब हिंदू नव वर्ष में मिल जाएगा, जिसकी शुरुआत 30 मार्च से हो रही है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी को उसका नया कप्तान अप्रैल के दूसरे सप्ताह तक मिल सकता है.
18-20 अप्रैल को बेंगलुरु में बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हो सकती है, जिसमें नए अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगाई जाएगी. बीजेपी के मिशन साउथ को देखते हुए यह महत्वपूर्ण बैठक होगी और नए अध्यक्ष को लेकर भी इसी से जोड़ा जा रहा है.
यूपी-एमपी में भी नया अध्यक्ष
अभी 13 राज्यों में संगठन चुनाव हो चुके हैं. अगले कुछ दिनों में पांच बड़े राज्यों- यूपी, एमपी, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल में नए अध्यक्ष बना दिए जाएंगे. इनके अलावा ओडिशा, कर्नाटक, हरियाणा और तेलंगाना के अध्यक्षों के नाम भी करीब-करीब तय हो चुके हैं.
पार्टी संविधान के अनुसार आधे राज्यों में संगठन चुनाव पूरे होने पर ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होता है. नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए बीजेपी और आरएसएस के बीच बातचीत जारी है. आरएसएस की राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरु में हो रही है. उसके बाद नए अध्यक्ष को लेकर गतिविधि और तेज होगी.
संगठन चुनाव के कार्यक्रम के अनुसार नए अध्यक्ष का चुनाव दिसंबर अंत या जनवरी की शुरुआत में हो जाना चाहिए था. लेकिन दिल्ली चुनाव और कुछ राज्यों में संगठन चुनावों में देरी के कारण यह मामला लंबा खिंच गया. सूत्रों के अनुसार इस बार मंडल और जिला अध्यक्षों के चुनाव में संघ और बीजेपी बैकग्राउंड के नेताओं को प्राथमिकता दी गई है.
इन कारण से भी संगठन चुनाव में हुई देरी
बीजेपी चाहती है कि संगठन की पृष्ठभूमि वाले नेताओं को संगठन की जिम्मेदारी दी जाए ताकि कार्यकर्ताओं से समन्वय आसान हो. पंजाब और कुछ अन्य राज्यों में दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी देने से संगठन में समन्वय नहीं हो सका. लिहाजा इस बार बीजेपी संघ के बैकग्राउंड या एबीवीपी के बैकग्राउंड वाले नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष समेत संगठन के महत्वपूर्ण पदों का दायित्व देने के लिए बृहद चर्चा की है.