छतरपुर : महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी की कुलगुरु प्रो. शुभा तिवारी द्वारा ओरछा में मां सीता के ऊपर की गई टिप्पणी को लेकर जमकर बवाल हो गया, जिसे लेकर जहां छतरपुर निवासी विकास चतुर्वेदी ने तमाम सवाल उठाए थे ,तो वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तमाम छात्र-छात्राएं यूनिवर्सिटी पहुंचे और उन्होंने कुलगुरु के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर हंगामा किया.
दरअसल कुलगुरु ने ओरछा धाम में एक कार्यक्रम के दौरान अपने वक्तव्य में मां सीता को फेमिनिस्ट बताया था और इसके अलावा उन पर आरोप है कि उन्होंने माता सीता को लेकर अपने वक्तव्य में कई आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जिसकी वजह से हिंदू समाज के लोगों में रोष व्याप्त था.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
ABVP के कार्यकर्ता भी आक्रोशित थे , इस मामले को उजागर करने वाले विकास चतुर्वेदी नाम के शख्स ने जहां कुलगुरु प्रोफेसर तिवारी पर एक जिम्मेदार और प्रतिष्ठित पद पर होते हुए गैर जिम्मेदाराना बयान के आरोप लगाए थे, तो वही एबीवीपी के छात्र-छात्राओं ने भी इसका खुलकर विरोध किया.
पहले तो कुलगुरु तिवारी के द्वारा यह कहा गया कि उन्होंने जो बयान दिया था उसे तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है ,और उन्होंने मां सीता के व्यक्तित्व को लेकर कोई भी आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की थी , लेकिन इसके बाद जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र-छात्राओं ने यूनिवर्सिटी परिसर में हंगामा किया मौके पर पुलिस भी पहुंच गई.
आखिरकार कुलगुरु शुभा तिवारी को छात्र-छात्राओं के सामने आकर यह कहना पड़ा की हलाकि उनके बयान को तोड़- मरोड कर पेश किया गया है लेकिन फिर भी अगर किसी की भावनाएं उनके बयान से आहत हुई है तो वे अपने शब्द वापस लेती है. कुलगुरु प्रोफेसर तिवारी के अपने शब्द वापस लेने के बयान के बाद आखिरकार प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं मानें ,और दो दिन से सुर्खियों में रहा धार्मिक भावना से जुड़ा ये मामला शांत जरूर हो गया हैं लेकिन इसका असर जल्द समाप्त होता नहीं दिखाई देगा.