इटावा : जिले के लवेदी थाना क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना ने खुशियों के माहौल को मातम में बदल दिया. एक किशोरी, शिखा, अपने घर में फांसी के फंदे से लटकी हुई पाई गई. यह घटना उस दिन घटी, जिस दिन परिवार में खुशी का माहौल था, क्योंकि उसी दिन शिखा की भतीजी की छठी का कार्यक्रम आयोजित होने वाला था.
शिखा के परिवार के अनुसार, रविवार की शाम को शिखा बाजार गई थी और अपने पिता, भाई और भतीजी के लिए नए कपड़े खरीदकर लाई थी. घर लौटने के बाद, उसने सामान्य रूप से परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत की और रात का खाना भी साथ में खाया. इसके बाद, वह अपने कमरे में सोने चली गई.
अगली सुबह, जब शिखा की माँ ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया, तो कोई जवाब नहीं मिला. चिंतित होकर, उन्होंने शिखा के भाई विनय को बुलाया, जिसने भी दरवाजा खटखटाया. लेकिन अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई. परिवार को चिंता होने लगी, और उन्होंने तुरंत गांव के प्रधान को सूचित किया. प्रधान ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और पुलिस को बुलाया.
पुलिस ने जब दरवाजा तोड़ा, तो अंदर का दृश्य देखकर वे भी स्तब्ध रह गए। शिखा का शव बिस्तर के ऊपर रखी कुर्सी से लटक रहा था. पुलिस ने तुरंत शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. इसके साथ ही, फॉरेंसिक टीम को भी घटनास्थल पर बुलाया गया ताकि वे घटना की जांच कर सकें और कोई महत्वपूर्ण सबूत जुटा सकें.
शिखा के भाई विनय ने बताया कि उनके परिवार में कुल छह भाई-बहन हैं और शिखा सबसे छोटी थी. उन्होंने कहा कि शिखा पूरी तरह से सामान्य व्यवहार कर रही थी और घर में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं थी. उसने खुशी-खुशी अपने परिवार के सदस्यों के लिए नए कपड़े खरीदे थे, और उसकी आत्महत्या ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है.
परिवार के सदस्यों का कहना है कि शिखा ने कभी भी किसी प्रकार की मानसिक या भावनात्मक परेशानी का संकेत नहीं दिया था. इसलिए, उसकी आत्महत्या के कारणों को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और हर संभावित कोण से मामले की जांच कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके.