बरेली: कुलसुम से बनी ‘ममता’, अगस्त्य मुनि आश्रम में प्रेमी राजेश संग लिए सात फेरे; महंत ने कराई शादी

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के आंवला थाना क्षेत्र में एक प्रेम कहानी ने नया मोड़ ले लिया. प्रमिका ने अपने प्रेमी से शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर लिया. युवती ने हिंदू धर्म अपनाकर अपना नाम ममता रखा और फिर हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली. युवती के परिजन दूसरे धर्म के लड़के से शादी करने का विरोध कर रहे थे. लेकिन युवती ने घर से भागकर अपने प्रेमी के साथ शादी कर ली.

दरअसल, आंवला के मनौना गांव निवासी राजेश दिल्ली में सिलाई का काम करता है. वहीं कुछ साल पहले उसकी दोस्ती उम्मे कुलसुम से हुई. दोनों के बीच मोबाइल पर बातें होने लगीं और धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदल गई. दोनों ने शादी करने का फैसला किया, लेकिन अलग-अलग धर्मों के होने के कारण उम्मे कुलसुम के घरवाले इसके खिलाफ थे. जब कुलसुम ने शादी की बात घर में बताई तो परिवार ने सख्त विरोध किया. उसने बताया कि उसके परिवार वाले शादी के लिए कभी तैयार नहीं होते. बल्कि उसे जान का खतरा था. ऐसे में वह घर छोड़कर अपने प्रेमी के पास चली गई और फिर दोनों ने शादी करने का फैसला किया.

अगस्त्य मुनि आश्रम में लिए सात फेरे

बरेली के प्रसिद्ध अगस्त्य मुनि आश्रम पहुंचकर दोनों ने हिंदू रीति रिवाज से शादी की. वहां के महंत केके शंखधार के सामने उन्होंने अपनी शादी की इच्छा जताई. महंत ने बताया कि युवती पूरी तरह बालिग है और उसने अपने दस्तावेज भी दिखाए हैं. युवती ने सनातन धर्म अपनाने की इच्छा जताई, जिसके बाद विधि-विधान से उसका धर्म परिवर्तन कराया गया. अब उसने अपना नया नाम ममता रख लिया है. इसके बाद हिंदू रीति-रिवाज से कुलसुम उर्फ ममता और राजेश ने सात फेरे लिए और विवाह संपन्न हुआ.

परिवार से जान का खतरा

ममता ने शादी के बाद आरोप लगाया कि उसने अपनी मर्जी से राजेश से विवाह किया है, लेकिन उसे अपने घरवालों से जान का खतरा है. उसने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है. इस शादी के बाद क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बना है. कुछ लोग इसे प्यार की जीत बता रहे हैं तो कुछ इसे धर्म परिवर्तन से जोड़कर देख रहे हैं. हालांकि, प्रेमी जोड़े का कहना है कि उन्होंने अपनी मर्जी से यह फैसला लिया और अब वे एक खुशहाल जीवन बितानाचाहते हैं.

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