बस्ती: 16 वर्षीय नाबालिग आदर्श का पुलिसिया पिटाई से मौत का मामला जोर पकड़ता जा रहा है, बुधवार को दुबौलिया थाना क्षेत्र के उभाई निवासी आदर्श के पिता ओम प्रकाश उपाध्याय ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष को पत्र देकर मांग किया कि, उनके बेटे के मौत के मामले में दुबौलिया थानाध्यक्ष के साथ ही सभी दोषी पुलिस कर्मियो को बर्खास्त कर डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम का वीडियो ग्राफी कराया जाय.
पत्र में ओम प्रकाश उपाध्याय ने कहा है कि, उनके 16 वर्षीय नाबालिग बेटे आदर्श को दुबौलिया पुलिस बिना परिजनों को सूचित किये 24 मार्च की शाम को थाने पर ले गई और उसे मारा पीटा, धमकाया और कुछ कागजात पर हस्ताक्षर कराने के बाद 25 मार्च को उसके विरूद्ध किसी के शिकायती पत्र का हवाला देकर मुकदमा पंजीकृत किया. दुबौलिया पुलिस ने बेटे के रिहाई की मांग को लेकर 5 हजार रूपये की मांग किया। बाद में उनकी पत्नी को बुलाकर बेटे को छोड़ दिया. जब आदर्श थाने से घर पहुंचा तो उसे खून की उल्टी होने लगी. उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हर्रैया ले जाया गया. चिकित्सकोें ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुये उसे रेफर कर दिया. इसके पहले कि इलाज के लिये कहीं ले जाते उसकी मौत हो गई। उसकी मौत पुलिसिया उत्पीड़न, आन्तरिक चोट या हार्ट अटैक से हुआ है, उसके बेटे के मौत के जिम्मेदार दुबौलिया थानाध्यक्ष, पुलिस कर्मी हैं जिन्होने बिना विधिक प्रक्रिया के उसे 24 घंटे से अधिक समय तक थाने पर बैठाये रखा और मारा पीटा.
न्याय की मांग को लेकर पत्र देते समय ओम प्रकाश उपाध्याय के साथ चन्द्रमणि पाण्डेय ‘सुदामा’, अच्युतानन्द तिवारी, धर्मेन्द कुमार, सुनील सिंह, विजय शंकर आदि शामिल रहे.