‘पता नहीं स्पीकर की क्या सोच है…’ सदन में नसीहत पर भड़के राहुल गांधी, कांग्रेस के 70 सांसदों ने ओम बिरला के सामने दर्ज कराई आपत्ति…

लोकसभा में एक बार फिर स्पीकर बनाम राहुल गांधी पर सियासत गरमा गई. कांग्रेस का आरोप है कि सदन में नेता विपक्ष राहुल गांधी अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन स्पीकर ने मौका नहीं दिया. इस पर कांग्रेस सांसदों ने नाराजगी जताई और बाद में कांग्रेस सांसदों ने स्पीकर से मुलाकात कर आपत्ति जताई है. राहुल का कहना था कि पता नहीं स्पीकर की क्या सोच है. सच्चाई यह है कि हमें बोलने नहीं दिया जाता है.

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दरअसल, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी बुधवार को सदन में बोलना चाहते थे, लेकिन स्पीकर ने राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए. स्पीकर का कहना था कि आप सबसे अपेक्षा की जाती है कि सदन की मर्यादा और शालीनता को बनाए रखेंगे. विशेष रूप से नेता प्रतिपक्ष से ये उम्मीद की जाती है कि वे सदन की मर्यादा और गरिमा के अनुरूप काम करेंगे.

स्पीकर के समक्ष जताई आपत्ति

स्पीकर की नसीहत के बाद सदन में भोजनावकाश हो गया. स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी. बाद में कांग्रेस के 70 सांसदों ने स्पीकर से मुलाकात की और राहुल गांधी को बोलने नहीं देने के लिए अपनी आपत्ति दर्ज कराई. यह पूरा घटनाक्रम दोपहर 1 बजे का है.

‘मुझे बोलने नहीं दिया जाता है…’

इस मसले पर राहुल गांधी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है और कहा, मुझे एक शब्द नहीं बोलने दिया. पहले मेरे बारे में भी बोल रहे हैं. मैं खड़ा हुआ और कहा कि मुझे कुछ बोलने दीजिए. आपने मेरे बारे में कुछ कहा है. उठकर चले गए. नियमत: नेता विपक्ष को बोलने दिया जाता है. लेकिन जब भी मैं खड़ा होता हूं तो मुझे बोलने नहीं दिया जाता है. पता नहीं किस प्रकार से हाउस चल रहा है. जो हम कहना चाहते हैं, वो हमें कहने नहीं देते हैं. मैंने कुछ नहीं किया है. मैं शांति से बैठा था. मैंने एक शब्द नहीं बोला है. मुझे सात-आठ दिन से बोलने नहीं दिया गया.

‘पता नहीं स्पीकर की क्या सोच है…’

राहुल का कहना था कि लोकतंत्र में विपक्ष की जगह भी होती है. यहां विपक्ष की जगह नहीं है. यहां सिर्फ सरकार की जगह है. उस दिन पीएम मोदी ने कुंभ मेले के बारे में बोला. मैं भी अपनी तरफ से जोड़ना चाहता था कि बहुत अच्छा है कि कुंभ मेला हुआ. मैं बेरोजगारी के बारे में भी बोलना चाह रहा था. लेकिन नहीं बोलने दिया गया. पता नहीं स्पीकर की क्या सोच है. सच्चाई यह है कि हमें बोलने नहीं दिया जाता है. हमारी पार्टी मुख्य विपक्षी है और मैं नेता प्रतिपक्ष हूं. ये सदन गैर लोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है.

 

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