साठ लाख फॉलोअर्स यूट्यूब पर, टिकटॉक पर 18 लाख और इंस्टाग्राम पर 20 लाख. इतने लोग हैं जो पाकिस्तान के सोशल मीडिया सेंशेसन रजब बट्ट को अलग अलग प्लेटफॉर्म पर फॉलो करते हैं. लेकिन ट्रेंड और ब्रांड बनाने वाला ये शख्स आजकल पाकिस्तान में खुद मुश्किलों में है और मक्का से उमराह कर लौटने के बाद पाकिस्तान में इसकी गिरफ्तारी भी हो सकती है. इसके मुश्किलों की वजह एक ब्रांड ही है. जिसे लॉन्च कर ये शख्स विवादों में आ गया है और इसका एक कनेक्शन भारत के पॉपुलर सिंगर रहे सिद्धू मूसेवाला से है.
‘अगर ये थाना उस बैगरत के खिलाफ पर्चा नहीं काटता तो… हम उसके घर जाएंगे और कुत्ते की तरह घसीट कर लाएंगे.’, ये एक बेहद भड़के मौलवी का बयान है. जिसने अपने समर्थकों के साथ पाकिस्तान के एक थाने को घेर लिया है और पाकिस्तान के ही यूट्यूबर रजब बट्ट के खिलाफ भड़काऊ नारे लगा रहा है.
क्या है 295 का माजरा
हाल ही में एक वीडियो में रजब बट्ट ने अपना परफ्यूम लॉन्च किया है. इसका ब्रांड नेम उन्होंने “295” रखा है.
यहां तक तो कोई विवाद नहीं दिखता है. 295 ब्रांड का परफ्यूम लॉन्चकर विवादों में फंसना, वो भी ईशनिंदा का आरोप, समझ से परे लगता है. लेकिन विवाद की जड़ है इस परफ्यूम का ब्रांड नेम- 295.
दरअसल पाकिस्तान दंड संहिता (Pakistan penal code-PPC) में सेक्शन 295 वो धारा है जिसके तहत पाकिस्तान में ईशनिंदा के कानून की चर्चा है.
हार्डलाइनर मौलवियों ने किया बवाल
रजब बट्ट ने इस परफ्यूम लॉन्चिंग की वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड की थी. इस वीडियो के सार्वजनिक होते ही हंगामा हो गया.
पाकिस्तान के हार्डलाइनर मौलवी इस पर उबल पड़े. तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पार्टी के एक नेता ने सोमवार को लाहौर के निश्तर कॉलोनी पुलिस स्टेशन में पीपीसी धारा 295-ए (धार्मिक विश्वासों का अपमान करना) और इलेक्ट्रॉनिक अपराध निवारण अधिनियम (पीईसीए) 2016 की धारा 11 (घृणास्पद भाषण) के तहत एफआईआर दर्ज कराई.
शिकायतकर्ता टीएलपी नेता हैदर अली शाह गिलानी ने कहा कि वह रविवार को अपने सेल फोन पर वीडियो देख रहे थे, तभी उन्हें बट का एक वीडियो मिला.
आईपीसी की धारा 295 के तहत किसी भी धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किसी पूजा स्थल या पवित्र वस्तु को नुकसान पहुंचाने या अपवित्र करने से संबंधित है. इसके लिए 2 साल तक की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
यह एक महज संयोग है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या 29 मई यानी कि 29-5 को वर्ष 2022 में हुई थी.
रजब पर ईशनिंदा कानूनों के उल्लंघन का आरोप
टीएलपी नेता हैदर अली शाह गिलानी ने कहा है कि बट ने “धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और ईशनिंदा कानूनों का उल्लंघन किया है.”
बता दें कि ईशनिंदा पाकिस्तान में एक भड़काऊ आरोप है, जहां निराधार आरोप भी लोगों में आक्रोश पैदा कर सकते हैं और लोगों की हत्या तक कर सकते हैं.
रजब बट्ट के खिलाफ लगे इन दोनों मामलों में, बट को 10 साल तक की जेल हो सकती है. माहौल बिगड़ता देख बट्ट ने एक माफ़ीनामा वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे ईशनिंदा कानून के खिलाफ़ नहीं हैं.
माफी मांगी पर हो सकती है गिरफ्तारी
उन्होंने वीडियो में कहा, “मैं परफ्यूम के लॉन्च के दौरान कहे गए शब्दों के लिए माफ़ी मांगता हूं.” उन्होंने कहा, “मैं माफ़ी मांगता हूं और इस परफ्यूम को बंद करने की घोषणा करता हूं.” इसके बाद बट्ट ने परफ्यूम लॉन्चिंग का वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट से वापस ले लिया है.
पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार लाहौर के आई (ऑपरेशन) फैसल कामरान ने कहा कि मामला सोशल मीडिया पर टिप्पणियों से जुड़ा होने के कारण PECA की धारा जोड़ी गई है. उन्होंने कहा कि बट वर्तमान में उमराह कर रहे हैं और देश लौटने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
फैसल कामरान ने कहा कि कहा कि पुलिस ईशनिंदा कानून के खिलाफ बोलने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने पर टिप्पणी के लिए पाकिस्तान उलेमा काउंसिल से संपर्क करेगी. उन्होंने कहा, “धर्म एक संवेदनशील मुद्दा है और इस पर बोलने में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. लोग धर्म में तर्क का इस्तेमाल नहीं करते हैं और सब कुछ भावनाओं से जुड़ा होता है.”
रजब बट्ट के खिलाफ अभी पाकिस्तान में कई मौलवी प्रदर्शन कर रहे हैं और उसके
खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.