कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को पार्टी ने अनुशासन का उल्लंघन करने के लिए छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. भाजपा केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने यतनाल को पार्टी के अनुशासन का बार-बार उल्लंघनकरने के लिए निष्कासित करने का आदेश दिया है.
इससे पहले पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र पर बार-बार हमला करने के बाद यतनाल को 10 फरवरी को पाठक ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. बता दें कि यतनाल ने विजयेंद्र को पद से हटाने के लिए अभियान भी चलाया था, जिसमें दावा किया गया था कि विजयेंद्र वंशवाद की राजनीति का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसका भाजपा हमेशा से विरोध करती रही है. उन्होंने विजयेंद्र पर सभी को साथ लेकर चलने में विफल रहने का भी आरोप लगाया.
सच्ची बात कहने पर पार्टी से निकाला
अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए यतनाल ने कहा कि पार्टी ने उन्हें ‘सच्ची बात कहने’ के लिए निष्कासन से नवाजा है. अपने निष्कासन की खबर सार्वजनिक होने के तुरंत बाद उन्होंने एक्स में कहा, “पार्टी ने वंशवाद की राजनीति, भ्रष्टाचार, पार्टी के भीतर सुधार, एक व्यक्ति की श्रेष्ठता को खत्म करने और उत्तरी कर्नाटक के विकास का अनुरोध करने के लिए मुझे छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है.”
हिंदुत्व के खिलाफ मेरी लड़ाई नहीं रुकेगी
उन्होंने आगे कहा कि कुछ निहित स्वार्थों ने अपने एजेंडे को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा, ” यह फैसला भ्रष्टाचार, पारिवारिक राजनीति, उत्तरी कर्नाटक के विकास और हिंदुत्व के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक पाएगा. मैं उसी जोश और दृढ़ता के साथ अपने लोगों की सेवा करना जारी रखूंगा.”
उधर विजयेंद्र ने यतनाल के निष्कासन को एक ऐसी कार्रवाई बताया जो अपरिहार्य, दुर्भाग्यपूर्ण और जश्न मनाने लायक नहीं थी. उन्होंने एक्स में लिखा, “भाजपा में अनुशासन और त्याग को सर्वोच्च महत्व दिया जाता है और हमारा नेतृत्व कभी भी इनसे समझौता नहीं करेगा. आलाकमान ने यह अनुशासनात्मक कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि यह बर्दाश्त के बाहर हो गई थी.”