रीवा : नगर निगम की बैठक में बुधवार को बजट चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ. यह विवाद उस समय शुरू हुआ, जब शहर में महापुरुषों की मूर्ति लगाए जाने के प्रस्ताव पर चर्चा हो रही थी. कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच तीखी बहस ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके बाद बैठक में हाथापाई तक की नौबत आ गई.
नगर निगम परिषद की इस बैठक में कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों के बीच गहमागहमी इतनी बढ़ गई कि मारपीट और कपड़े फाड़ने की घटना सामने आई. जिसमें पार्षद एक-दूसरे पर हमला करते हुए नजर आ रहे हैं.
हंगामे के दौरान कांग्रेस पार्षदों ने गंगाजल बताकर पार्षदों पर पानी छिड़का. हालांकि, भाजपा पार्षदों ने इसे “बाथरूम का गंदा पानी” करार दिया. इस हरकत से बैठक का माहौल और तनावपूर्ण हो गया. भाजपा पार्षदों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की ओर से गला दबाने और अपमानित करने की कोशिश की गई.
महापौर और निगम अध्यक्ष को करना पड़ा हस्तक्षेप
बैठक में हंगामा बढ़ने के बाद महापौर और निगम अध्यक्ष को बीच-बचाव के लिए आगे आना पड़ा. उन्होंने सभी पार्षदों से संयम बरतने और बैठक की मर्यादा बनाए रखने की अपील की. हालांकि, उनके प्रयासों के बावजूद बैठक बाधित हो गई और किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सका.
कांग्रेस और भाजपा ने लगाए एक-दूसरे पर आरोप
कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि भाजपा ने सुनियोजित तरीके से हंगामा किया. उनका दावा है कि महापुरुषों की मूर्ति लगाने के प्रस्ताव पर भाजपा को आपत्ति थी, और इसलिए बैठक में व्यवधान उत्पन्न किया गया.
भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पर अपमानजनक व्यवहार और गंदा पानी फेंकने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि कांग्रेस ने जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की.
महापुरुषों की मूर्ति लगाने का प्रस्ताव विवाद का केंद्र
बैठक में शहर के विभिन्न स्थानों पर महापुरुषों की मूर्ति स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया था. इस पर दोनों दलों के पार्षदों के बीच सहमति नहीं बन पाई. एक पक्ष का कहना था कि यह पहल समाज को प्रेरित करेगी, जबकि दूसरा पक्ष इसे नगर निगम के बजट पर अतिरिक्त बोझ बता रहा था.
क्या राजनीति ने विकास की राह में अड़चन डाली
रीवा नगर निगम की इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि राजनीति के चलते क्या शहर के विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है? महापुरुषों की मूर्ति लगाने जैसा सकारात्मक प्रस्ताव भी विवाद की भेंट चढ़ गया.
महापौर ने घटना की जांच कराने का आश्वासन दिया है। साथ ही, पार्षदों को अनुशासन बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. नगर निगम प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है