हमारे ग्रुप का एक लड़का (डॉ. हेमांग जोशी) कल सांसद बनने जा रहा है – मनीष संघानी

जैसे ही बीजेपी ने वडोदरा लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा की, विरोध का बवंडर शुरू हो गया. बीजेपी की आंतरिक गुटबाजी तब उजागर हो गई और विरोध तब चरम पर पहुंच गया जब बीजेपी ने तीसरी बार रंजन बेन भट्ट को टिकट दिया. वड़ोदरा भाजपा के इतिहास में पहली बार किसी घोषित सांसद उम्मीदवार ने चुनाव लड़ने में अनिच्छा दिखाई और पार्टी ने डॉ. हेमांग जोशी को उम्मीदवार बनाया. हेमांग जोशी का नाम तो उजागर करना ही था. विवाद भले ही थमने का नाम नहीं ले रहे हों, लेकिन प्रदेश बीजेपी युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष मनीष संधानी द्वारा दिए गए एक मीडिया बयान ने वडोदरा सीट पर फिर से राजनीतिक बहस शुरू कर दी है.

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भारतीय जनता पार्टी एक अनुशासित पार्टी मानी जाती है और वडोदरा एक सभ्य शहर के रूप में जाना जाता है. जब भी भाजपा ने वडोदरा शहर में कोई उम्मीदवार दिया है, शहर की जनता ने उसे स्वीकार किया है और भारी बहुमत दिया है. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर वडोदरा का मिजाज कुछ अलग ही देखने को मिल रहा है. शांत रहने वाला वडोदरा अब आक्रामक मूड में नजर आ रहा है. जिस वडोदरा शहर में कभी किसी उम्मीदवार का विरोध नहीं होता, वहां हर जगह विरोध देखने को मिल रहा है. यह विरोध छुपा हुआ विरोध प्रतीत हो रहा है.

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पार्टी के आंतरिक गठबंधन और हाईकमान ने मान लिया था कि वडोदरा से जिसे भी टिकट दिया जाएगा, वडोदरा की जनता उसे स्वीकार कर लेगी, लेकिन इस बार राजनीतिक चर्चा है कि यहां बीजेपी की हार हुई है. वडोदरा के नागरिक खुद कहते हैं कि वे बीजेपी उम्मीदवार को नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट देते हैं.

कल, महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और अब राज्य भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष मनीष संघानी वडोदरा आए. इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए मनीष संघानी ने कहा कि मैंने महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की और मेरे जूनियर हेमांगभाई जोशी को उनके साथ काफी समय बिताने का मौका मिला, यूनिवर्सिटी में यूजीएस, वीपी के चुनाव में साथ काम किया. और कुछ ही दिनों में वह वडोदरा के युवा सांसद चुने जाएंगे.

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