वक्फ (संशोधन) विधेयक में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) द्वारा सुझाए गए तीनों संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है. इसके साथ ही टीडीपी ने विधेयक को पूरा समर्थन देने का निर्णय लिया है. कल लोकसभा में पार्टी बिल के समर्थन में मतदान करेगी. इसी के साथ जेडीयू के प्रस्तावों को भी स्वीकार कर लिया गया है. लिहाजा अब माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी भी लोकसभा में बिल का समर्थन कर सकती है.
क्या थे टीडीपी के सुझाव?
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
टीडीपी ने ‘वक्फ बाय यूजर’ से संबंधित प्रावधान में संशोधन का प्रस्ताव रखा था, जिसके अनुसार ‘जो भी वक्फ बाय यूजर संपत्तियां वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के लागू होने से पहले पंजीकृत हो चुकी हैं, वे वक्फ संपत्तियां बनी रहेंगी, जब तक कि संपत्ति विवादित न हो या सरकारी संपत्ति न हो.’ इस संशोधन को विधेयक में शामिल कर लिया गया है.
जांच के लिए कलेक्टर नहीं होगा अंतिम प्राधिकारी
इसके अलावा, टीडीपी ने यह भी प्रस्ताव दिया था कि वक्फ मामलों में कलेक्टर को अंतिम प्राधिकारी न मानते हुए, राज्य सरकार एक अधिसूचना जारी कर कलेक्टर से ऊंचे पद के अधिकारी को नामित कर सकती है, जो कानून के अनुसार जांच करेगा. यह संशोधन भी विधेयक का हिस्सा बन गया है.
दस्तावेज जमा करने के लिए मिलेगा अतिरिक्त समय
तीसरा प्रमुख संशोधन डिजिटल दस्तावेजों की समय-सीमा बढ़ाने से संबंधित था. अब, यदि ट्रिब्यूनल को देरी का उचित कारण संतोषजनक लगता है, तो वक्फ को डिजिटल दस्तावेज जमा करने के लिए अतिरिक्त 6 महीने का समय मिल सकेगा. टीडीपी के संशोधनों को स्वीकार किए जाने के बाद, पार्टी ने इस विधेयक के समर्थन में मतदान करने का निर्णय लिया है.
कल दोपहर 12 बजे पेश होगा बिल
वक्फ संशोधन बिल को लेकर अब तस्वीर साफ हो गई है. ये बिल दो अप्रैल को दोपहर 12 बजे लोकसभा में आएगा. बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इस पर मुहर लग गई है. सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की अगुवाई कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर सदन में मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए कहेगी.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि आठ घंटे चर्चा का समय तय किया गया है. इस समय को बढ़ाया जा सकता है लेकिन सदन की सहमति लेकर के किरेन रिजिजू ने कहा कि अब अगर कोई वॉकआउट करके बहाना करना चाहता है, चर्चा से भागना चाहता है तो उसको हम रोक नहीं सकते. उन्होंने कहा कि चर्चा तो करें. हर दल को अपना पक्ष रखने, अपनी बात रखने का मौका मिलेगा.