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किशोरी के पेट से निकला 8 किलो का ट्यूमर:डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन कर बचाई जान; बोले- काफी चैलेंजिंग था

इंदौर के एमटीएच अस्पताल में 15 साल की लड़की का सफल ऑपरेशन किया गया। जिसमें उसके पेट से 8 किलो की बड़ी गठान निकाली गई। लंबे समय से उसे पेट में दर्द की शिकायत थी। दर्द बढ़ने पर उसके पिता उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने का फैसला लिया।

यह लड़की सरदारपुर इलाके की रहने वाली है। उसके पिता, प्रकाश परमार, ने बताया कि उनकी बेटी रेणुका को काफी समय से पेट में दर्द की समस्या थी। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वे उसे एमटीएच अस्पताल लेकर आए। यहां डॉक्टर प्रो. सुमित्रा यादव की यूनिट ने उसकी जांच की, जिसमें पाया गया कि पेट में सूजन थी और गठान के बढ़ते वजन के कारण उसे सांस लेने और चलने-फिरने में दिक्कत हो रही थी।

डॉ. यादव की यूनिट ने लड़की को अस्पताल में भर्ती कर सभी आवश्यक जांचें कराईं, जिसमें MRI से पता चला कि अंडाशय में 36×12×24 cm की गठान है। इसके बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर सफलतापूर्वक गठान को निकाल दिया।

जटिल सर्जरी में मिली सफलता

डॉ. यादव और उनकी टीम ने ऑपरेशन कर इस गठान को निकालने का फैसला लिया, लेकिन लड़की की कम उम्र और शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण यह एक जटिल और जोखिम भरा प्रक्रिया थी। हालांकि, ऑपरेशन करना बेहद जरूरी था, क्योंकि गठान के बढ़ते आकार के कारण लड़की को सांस लेने में परेशानी हो रही थी।

डॉक्टरों ने गठान निकालकर लड़की की जान बचाई

डॉ. प्रो. सुमित्रा यादव के मार्गदर्शन में डॉक्टरों की एक अनुभवी टीम ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस टीम में डॉ. विभाग मोजेस, डॉ. सुरभि पोरवाल, डॉ. सपना चौरसिया, डॉ. झलक, डॉ. नीलम, डॉ. शिल्पी, डॉ. निशा, डॉ. यशस्वी के साथ डॉ. शालिनी जैन, डॉ. पारूल जैन, डॉ. आर. एस. गिल, डॉ. सुदीप और डॉ. कीर्ति शामिल थे। उन्होंने बड़ी कुशलता से 8 किलो की विशाल गठान को निकालकर लड़की की जान बचाई। इस ऑपरेशन में रेडियोलॉजी विभाग से डॉ. विवेक का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।

सफल ऑपरेशन के बाद परिजनों ने कहा सरदारपुर में सभी डॉक्टरों ने इलाज से इनकार कर दिया था और आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वे कहीं और इलाज कराने में असमर्थ थे।

काफी चुनौतीपूर्ण रहा ऑपरेशन

डॉ. प्रो. सुमित्रा यादव ने कहा कि लड़की को इस अस्पताल तक पहुंचने में दो महीने का समय लग गया। उसे कहीं भी इलाज के लिए नहीं लिया गया था। लड़की का कुल वजन 39 किलो था और उसकी गठान बहुत बड़ी थी, जिसके कारण पेट में कोई भी जगह नहीं बची थी। पूरा पेट ट्यूमर से भर गया था और यह ट्यूमर महीन परत के रूप में था। इसे निकालना बहुत चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि गठान को बिना पंचर किए बाहर निकालना था। ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया और गठान को बाहर निकाला गया। मंगलवार को लड़की को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।

 

 

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