तमिलनाडु: रामेश्वरम को हाईटेक सी-ब्रिज की मिली सौगात, PM मोदी ने रामनाथस्वामी मंदिर में की पूजा-अर्चना

थाईलैंड और श्रीलंका का दौरा खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब मिशन तमिलनाडु पर हैं. प्रधानमंत्री ने रामेश्वरम पहुंचकर हाईटेक नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया है. उसके बाद वे रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे. मंदिर के पुजारी ने पीएम को तिलक लगाया.

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इससे पहले पीएम मोदी ने सड़क पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को हरी झंडी दिखाई. साथ ही पुल के संचालन को देखा और जानकारी ली. रामनवमी के अवसर पर आज देश को यह हाईटेक सी-ब्रिज मिल गया है.

पीएम मोदी ने रामेश्वरम को जोड़ने वाले नए पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन किया है. तमिलनाडु में मंडपम रेलवे स्टेशन को रामेश्वरम रेलवे स्टेशन से देश के पहले वर्टिकल सस्पेंशन ब्रिज के जरिए जोड़ा गया है. पीएम मोदी रामेश्वरम के रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा की. उसके बाद वे रामेश्वरम में ही तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये से ज्यादा की विभिन्न रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस अवसर पर वे एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.

पीएम मोदी ने श्रीलंका से लौटते वक्त रामसेतु दर्शन का वीडियो शेयर किया. उन्होंने लिखा, आज रामनवमी के पावन अवसर पर श्रीलंका से वापस आते समय आकाश से रामसेतु के दिव्य दर्शन हुए. ईश्वरीय संयोग से मैं जिस समय रामसेतु के दर्शन कर रहा था, उसी समय मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के दर्शन का भी सौभाग्य मिला. मेरी प्रार्थना है, हम सभी पर प्रभु श्रीराम की कृपा बनी रहे.

अब नए कलेवर में तैयार है ब्रिज

नए पंबन रेलवे ब्रिज का निर्माण कार्य पिछले साल नवंबर में पूरा हो गया था. दक्षिण भारत में रामेश्वरम की कनेक्टिविटी को जोड़ने वाला पंबन ब्रिज पहली बार 1914 में बना था. वो भारत का पहला समुद्र के ऊपर बना रेल पुल था. 111 साल बाद अब ये पुल नए कलेवर में तैयार है.

देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे ब्रिज जो सिर्फ दो किनारों को नहीं, बल्कि सपनों और संभावनों को जोड़ता है. नए पुल के तार पुराने पुल से जुड़े हुए हैं. बात साल 1914 की है, जब भारत में देश का पहला समुद्री रेलवे पुल बना था. नाम था- पंबन ब्रिज. तमिलनाडु के मंडपम को रामेश्वरम द्वीप से जोड़ने वाला ये पुल ब्रिटिश काल में बना था और 100 साल से भी ज्यादा समय तक देश की सेवा करता रहा, लेकिन समय के थपेड़ों और समंदर की लहरों ने जब जर्जर कर दिया तो 2022 में इसे बंद कर दिया गया. यह नया पुल अंग्रेजी हुकूमत में बने पंबन पुल के समानांतर बना हुआ है जो करीब 111 साल पुराना हो चुका है.

समुद्री यातायात को आसान बनाने के लिए पुल पर बना रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा 17 मीटर ऊपर उठ सकता है ताकि जहाजों को नीचे से गुजरने का रास्ता मिल जाए. नए पंबन ब्रिज की लिफ्ट को खुलने में 5 मिनट और 30 सेकंड लगते हैं, जबकि पुराने ब्रिज की स्विंग को खुलने में 35 मिनट से 40 मिनट लग जाते थे. अगर हवा की गति 58 किमी प्रति घंटे से भी ज्यादा हो जाती है, ऐसे में ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी जाएगी.

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