बरेली: फिजियोथैरेपिस्ट के सहायक पर महिला पुलिसकर्मी के बेटे की कूल्हे की हड्डी तोड़ने का आरोप, जांच मे जुटी पुलिस

बरेली: शहर के एक फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. जितेंद्र मौर्य और उनके अनट्रेंड सहायक ने एक महिला पुलिस कर्मी के बेटे की कूल्हे की हड्डी तोड़ दी.

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घटना 17 मार्च 2025 की रात की है, जब पुलिस इंटेलीजेंस की हेड कांस्टेबल रोशनी शुक्ला ने अपने बेटे अस्तित्व शुक्ला को पैर में दर्द की शिकायत पर फिजियोथेरेपी के लिए बीसलपुर चौराहे के निकट स्थित प्रांशुल फिजियोथेरेपी सेंटर में दिखाया था.

डॉ. जितेंद्र मौर्य ने बच्चे को देखने के बाद उसे अपने अनट्रेंड सहायक के पास भेज दिया, जैसे ही थेरेपी शुरू हुई, असावधानी से की गई थेरेपी के कारण बच्चे के कूल्हे की हड्डी टूट गई.

परिणामस्वरूप,अस्तित्व को अत्यधिक दर्द हुआ और वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। इसके बावजूद, डॉक्टर और सहायक ने उसे सहारा देने के बजाय और अधिक दबाव डालते रहे, जिससे बच्चे का दर्द और बढ़ गया और वह चलने में असमर्थ हो गया.

बच्चे का इलाज और शिकायत का सिलसिला

अस्तित्व के पैर में तेज दर्द होने पर उसे एसआरएमएस अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच के बाद कूल्हे में फ्रैक्चर पाया गया। इसके बाद बच्चे का इलाज लगभग साढ़े तीन लाख रुपये में किया गया.

पीड़िता ने इस मामले की शिकायत डॉ. जितेंद्र मौर्य और बारादरी पुलिस से की, लेकिन फिजियोथेरेपिस्ट और उनके सहायक ने अपनी गलती स्वीकार करने से इंकार कर दिया.

रोशनी शुक्ला ने मामले को आईजी तक पहुंचाया और उनके आदेश पर बारादरी पुलिस ने डॉ. जितेंद्र मौर्य और उसके सहायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली.

थाना बारादरी में एफआईआर दर्ज

एफआईआर में डॉ. जितेंद्र मौर्य सहित तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, इस मामले को लेकर क्षेत्र में हड़कंप मच गया है, और लोग अब यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या एक प्रशिक्षित फिजियोथेरेपिस्ट के पास एक सहायक को काम पर रखने से पहले पूरी तरह से उसकी ट्रेनिंग जांची जानी चाहिए थी.

अब क्या होगा? मामले की जांच चल रही है और पुलिस ने डॉक्टर से जवाब तलब किया है, इस घटना ने फिजियोथेरेपी की सेवाओं के लिए एक चेतावनी के रूप में काम किया है, जिसमें मरीजों को सुरक्षित और प्रशिक्षित पेशेवर से इलाज प्राप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है.

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