छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में धर्मांतरण को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। रामनवमीं पर्व के दिन प्रार्थना सभा के बहाने चंगाई सभा कर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। जिसके विरोध में हिंदूवादी संगठनों ने जमकर हंगामा मचाया।
जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने मामले में पास्टर सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।
हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने बताया कि बहतराई स्थित अटल आवास सहित अलग-अलग इलाकों में प्रत्येक रविवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है। इसी तरह रविवार को बहतराई में प्रार्थना सभा के बहाने हिंदू वर्ग के लोगों को बुलाया गया था।
इसकी जानकारी मिलने पर कार्यकर्ता विरोध करने पहुंच गए। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा मचाया, जिसके बाद उन्होंने सरकंडा थाना प्रभारी को इसकी सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस, पास्टर समेत 6 गिरफ्तार
जानकारी मिलते ही सरकंडा थाना प्रभारी निलेश पांडेय अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पूछताछ की, तब पता चला कि दीपा गोटेल अपने निवास में प्रार्थना सभा आयोजित करा रही थीं।
इससे पहले भी 31 मार्च को आयोजित सभा में यदुनंदन नगर निवासी पास्टर दीपक सिंह सिदार और उनकी पत्नी पूजा सिदार द्वारा धार्मिक उपदेश दिया जा रहा था, जिसमें बड़ी संख्या में हिंदू धर्म के लोग मौजूद थे।
पूछताछ के बाद पुलिस उन्हें पकड़कर थाने ले आई। टीआई निलेश पांडेय ने बताया कि जांच के बाद मामले में छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्रय अधिनियम के तहत विधिक कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, दीपा गोटेल, पास्टर दीपक सिदार, पूजा सिदार, गुरुविंदर सिंह, शिवकुमार धीवर और मधु कुमार केंवट के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है।
संगठन बोला- हिंदुओं का करा रहे धर्मांतरण
इधर, हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता राम सिंह ठाकुर ने कहा कि बिलासपुर धर्मांतरण का हब बनाने की कोशिश की जा रही है, जिसका वो लगातार विरोध कर रहे हैं। कोनी, सकरी, सिविल लाइन और मस्तूरी क्षेत्र के बाद अब सरकंडा के बहतराई में भोले-भाले हिंदुओं को लालच देकर फंसाने और धर्मांतरण कराने का खेल चल रहा था।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हिंदुओं को प्रार्थना सभा के बहाने बुलाया जाता है, जहां प्रलोभन देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जाता है।