श्योपुर : 42 डिग्री में स्कूल, गर्मी से बेहाल बच्चे, अभिभावकों का फूटा गुस्सा

श्योपुर : अप्रैल के पहले सप्ताह में अचानक तेज हुई गर्मी से स्कूल आने-जाने वाले बच्चे हलाकान होने लगे हैं. शिक्षक संघ के बाद अब अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री व कलेक्टर से मांग की है कि पारा 42 डिग्री पहुंच चुका है और स्कूल दोपहर 2-3 बजे तक लग रहे हैं, जिससे बच्चे घर आते-आते गर्मी से बेहाल हो रहे हैं.

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इसलिए स्कूलों का समय एक पारी में किया जाए. सुबह स्कूल का समय जल्दी कर दें, पर छुट्टी का समय सुबह 11.30 बजे तक किया जाए, जिससे कि बच्चे दोपहर 12 बजे के पहले अपने घर पहुंचने से लू की चपेट व बीमार होने से बचेंगे.शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस संदर्भ में कहा कि फिलहाल उनके पास कोई आदेश नहीं आया है. अभिभावकों की बात उच्च स्तर पर पहुंचा रहे हैं.

नियम को बोझ बना रहे संकुल प्रिंसिपल

सरकारी स्कूलों का वैसे तो समय सुबह 10:30 से शाम 4:30 तक नियत है लेकिन विपरीत परिस्थितियों में स्कूलों का समय परिवर्तित करने के अधिकार संकुल प्रिंसिपलों को दिए गए हैं जो शाला प्रबंधन समिति की सिफारिश पर सुविधा को देखते हुए स्कूलों का समय बदल सकते हैं पर अधिकतर संकुल प्रिंसिपल शासन द्वारा स्कूल खोले जाने के लिए बनाए गए इस नियम को बोझ बनाए हुए हैं.

संकुल प्रिसिपल सिर्फ जिला शिक्षा अधिकारी अथवा कलेक्टर के आदेश का इंतजार कर रहे है कि कब वहां से स्कूलों के समय में परिवर्तन के आदेश जारी हो और वह स्कूलों का समय परिवर्तन करें. अपने विवेक से कुछ नहीं करेंगे संकुल प्रिंसिपलों की इस अनिक्षा का शिकार स्कूलों में पढ़ने आ रहे मासूम बच्चों को होना पड़ रहा है.

केंद्रीय विद्यालय के बच्चों को तय करना पड़ रहा है धूप में एक किमी का सफर

उधर बायपास रोड स्थित केंद्रीय विद्यालय में विद्यार्थियों को इस भीषण गर्मी में भी एक किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ रहा है. ज्ञात हो कि केंद्रीय विद्यालय के गेट से स्कूल की बिल्डिंग तक पहुंचाने के लिए बच्चों को करीब 1 किलोमीटर तक का सफर खुद पैदल चल कर तय करना होता है.

गेट के भीतर ना तो कोई वाहन जाता है न हीं अभिभावक बच्चों के साथ जा सकते हैं ऐसी स्थिति में भीषण गर्मी में तपते हुए बच्चे बस्ती का बोझ उठाए पसीने से लथपथ होकर आते दिखाई देते हैं तो बाहर खड़े अभिभावकों के कलेजा गर्मी से लड़खड़ाते बच्चों को देख हलक में आ जाता है.

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