सऊदी अरब सरकार इस समय हज 2025 की तैयारियों में लगी है. 4 जून से शुरू होने वाले हज के लिए एक अप्रैल को दुनिया भर से तीर्थ यात्रा सऊदी अरब पहुंचना शुरू करेंगे. जिसको देखते हुए सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय ने ऐलान किया कि 29 अप्रैल विदेशी उमरा तीर्थयात्रियों के लिए अपने देश वापस जाने का आखरी दिन होगा.
आधिकारिक बयान में मंत्रालय ने इस साल उमरा करने वालों के लिए सऊदी अरब में प्रवेश की अंतिम तिथि 13 अप्रैल निर्धारित की है. 29 अप्रैल की समयसीमा के बाद भी सऊदी अरब में रहने वाले तीर्थयात्रियों को देश के वीज़ा और तीर्थयात्रा नियमों का उल्लंघन करने वाला माना जाएगा और 22 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है.
बता दें, उमरा पूरा करने के लिए सऊदी अरब में तीर्थयात्री पूरे साल आते हैं और हज सिर्फ साल में एक बार किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए लाखों मुसलमान हर साल मक्का-मदीना की यात्रा करते हैं और सऊदी में उनकी मेजबानी के लिए खास इंतेजाम किए जाते हैं.
नियमों का उल्लंघन किया तो लगेगा जुर्माना
मंत्रालय ने अपने अधिकारिक बयान में इस बात पर जोर दिया कि बताई गई तिथियों के बाद भी रुकना कानूनी उल्लंघन है और चेतावनी दी कि ऐसा करने पर कठोर दंड लगाया जाएगा. ऐसे करने वाले व्यक्तियों, कंपनियों और उमरा सेवा प्रदाताओं पर एक लाख सऊदी रियाल यानी करीब 22 लाख भारतीय रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
इस साल क्यों सख्त है सऊदी सरकार?
सऊदी सरकार की इस साल इस सख्ती के पीछे 2024 हज में हुआ हादसा जिम्मेदार है. 2024 हज के दौरान मक्का मदीना में उम्मीद से ज्यादा भीड़ बढ़ गई थी, जिसके वजह से एक बड़ा हादसा हुआ और एक हजार से ज्यादा हाजियों की मौत हो गई. इसके पीछे की वजह उन लोगों को माना गया जो किसी और वीजा पर सऊदी आते हैं और हज के समय बिना हज का रजिस्ट्रेशन किए मक्का-मदीना आते हैं.