प्रदेश में कानून व्यवस्था में कसावट लाने पुलिस विभाग में बड़े फेरबदल की तैयारी की जा रही है। एक-दो दिनों के भीतर कई जिलों के एसपी के चेहरे बदलने की चर्चा है। तीन रेंज के आईजी के प्रभार में भी बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है।
कानून व्यवस्था को मजबूत करने वाले अधिकारी मैदान में तैनात होंगे। वहीं, जुगाड़ से पोस्टिंग पाने वालों पर तबादले की गाज गिरने तय मानी जा रही है। सरकार ने ऐसे अफसरों की पूरी कुंडली तैयार कर ली है। गृह मंत्री विजय शर्मा की मौजूदगी में सोमवार को मंत्रालय में हुई बैठक इसको बल भी दे रहे हैं।
बैठक में पुलिस विभाग के सभी आला अधिकारी मौजूद थे। पुलिस मुख्यालय में पदस्थ सूत्रों की मानें तो धमतरी, नारायणपुर, खैरागढ़, बेमेतरा, सुकमा, बस्तर, कोंडागांव, कांकेर, दुर्ग, राजनांदगांव, बलौदाबाजार, गरियाबंद, मुंगेली, सक्ती, जांजगीर चांपा, कोरबा और महासमुंद जिलों के एसपी बदले जा सकते हैं।
इन जिलों के एसपी के कामकाज से विभाग संतुष्ट नही है। पुलिस मुख्यालय में चर्चा है कि धमतरी और नारायणपुर जिले के एसपी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। इससे तय है कि यहां नये चेहरे तैनात होंगे। साल 2020 बैच के आईपीएस अधिकारियों को बतौर एसपी पोस्टिंग दी जा सकती है।
कानून-व्यवस्था बिगड़ने पर जिम्मेदार होंगे एसपी
विगत दिनों मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एसपी कांफ्रेंस के दौरान अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा था कि राज्य सरकार सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है। कानून व्यवस्था के मामले में गड़बड़ी पाए जाने पर सीधे एसपी जिम्मेदार होंगे।
राज्य सरकार की ओर से एसपी के कामकाज पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। विभाग में काफी लंबे समय से फेदबदल की चर्चा थी। पहले निकाय चुनाव और उसके बाद विधानसभा के बजट सत्र के कारण ट्रांसफर रोक रूके हुए थे।
दो से तीन रेंज के आईजी के बदल सकते हैं प्रभार
पुलिस मुख्यालय में चर्चा है कि दो से तीन रेंज के आईजी के प्रभार बदले जा सकते हैं। इनमें रायपुर, सरगुजा और बिलासपुर शामिल हैं। रायपुर रेंज के आईजी के पास ईओडब्ल्यू-एसीबी की भी जिम्मेदारी है। ईओडब्ल्यू-एसीबी कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रही है।
ऐसे में उन्हें रायपुर रेंज की जिम्मेदारी से रिलीव किया जा सकता है। सरगुजा रेंज के आईजी को पुलिस मुख्यालय लाए जाने की चर्चा है।
पूर्व गृह मंत्री कंवर ने पीएम को लिखा पत्र
प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हिमांशु गुप्ता की डीजी पद पर हुई पदोन्नति को नियमों के विरुद्ध बताया है। उन्होंने पत्र में आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अधिकारी हिमांशु गुप्ता मिलीभगत कर डीजी के पद पर पदोन्नति प्राप्त की है।
IPS रजनेश पर चल रही विभागीय जांच खत्म
राज्य सरकार ने आईपीएस रजनेश सिंह के खिलाफ चल रहे विभागीय जांच को समाप्त कर दिया है। इन्हें भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की चर्चा है। कांग्रेस शासनकाल के दौरान 2019 में तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता और आइपीएस रजनेश सिंह पर रमन सिंह की सरकार के कार्यकाल में सामने आए नान घोटाले में बिना अनुमति फोन टेप करने और दस्तावेजों की हेराफेरी करने के आरोप लगे थे।
भूपेश सरकार ने दोनों अफसरों को निलंबित करने के साथ गैर-जमानती धाराओं में अपराध दर्ज कराया था। इस मामले में एसीबी ने कोर्ट में एक क्लोजर रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि बिना अनुमति के हस्तक्षेप का आरोप पूरी तरह निराधार है।
रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि जो भी हस्तक्षेप हुआ, वह कानूनी और वैध तरीके से किया गया था। रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने विभागीय जांच समाप्त कर दिया है।