केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) कानून, 2025 को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है. यह अधिनियम संसद के दोनों सदनों से पारित होने और राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त करने के कुछ ही दिनों बाद प्रभावी हो गया है. इसके साथ ही देश में वक्फ से जुड़े कानूनों में महत्त्वपूर्ण बदलाव औपचारिक रूप से लागू हो गए हैं.
केंद्र ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को 8 अप्रैल 2025 से प्रभाव में लाने की आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है. यह अधिसूचना भारत के राजपत्र (The Gazette of India) में प्रकाशित की गई है. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने संविधान प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए अधिनियम की धारा 1 की उपधारा (2) के तहत 8 अप्रैल 2025 को वह तारीख घोषित की है जिस दिन से वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के सभी प्रावधान प्रभावी हो जाएंगे.
इस संशोधन के तहत वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में सुधार, संपत्ति के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, और अनधिकृत कब्जों पर सख्ती जैसे कई प्रावधान शामिल किए गए हैं. इसके अलावा, आम जनता को वक्फ संपत्तियों की जानकारी प्राप्त करने के अधिक अधिकार भी प्रदान किए गए हैं. सरकार का कहना है कि यह कदम सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
वहीं कुछ विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने संशोधन में “स्वामित्व के अधिकारों पर हस्तक्षेप” की आशंका जताई है. उनका कहना है कि संशोधन के कुछ प्रावधान वक्फ घोषित की गई निजी संपत्तियों को चुनौती देने की प्रक्रिया को जटिल बना सकते हैं. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 6 याचिकाएं दायर की गई हैं.
क्या है वक्फ संपत्ति?
वक्फ संपत्ति वह होती है जो किसी मुसलमान द्वारा धार्मिक, परोपकारी या सामाजिक कार्यों के लिए स्थायी रूप से दान की जाती है. इन संपत्तियों की देखरेख राज्य वक्फ बोर्डों के माध्यम से की जाती है. वर्तमान में देशभर में लाखों एकड़ भूमि वक्फ संपत्ति के अंतर्गत आती है. बावजूद इसके, इनसे होने वाली आमदनी न्यूनतम है और उसका एक बड़ा हिस्सा प्रशासनिक खर्चों में चला जाता है. यही कारण है कि लंबे समय से इसके प्रबंधन में सुधार की मांग उठती रही है.