RBI MPC Results: बस कुछ देर का इंतजार… फिर बड़ा फैसला, पता चलेगा घटेगी लोन की EMI या बढ़ेगा बोझ

आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक के नतीजे बस कुछ ही देर में आएंगे. इसमें होने वाले बदलाव का सीधा असर आपके लोन की ईएमआई पर देखने को मिलेगा. यानी अगर रेपो रेट में आरबीआई कटौती करती है, तो EMI कम हो जाएगी और इसमें इजाफा होता है, तो फिर आपके ऊपर बोझ बढ़ सकता है. हालांकि, एक्सपर्ट्स की मानें तो इस बार भी केंद्रीय बैंक तोहफा दे सकता है और Repo Rate में 25 बेसिस पॉइंट या 0.25 फीसदी की कटौती देखने को मिल सकती है.

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FY26 की ये पहली MPC बैठक

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की टेंशन के बीच लोगों एक ओर जहां सरकार की ओर से एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी करते हुए जनता पर बोझ बढ़ाया गया है, तो ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि RBI रेपो रेट में एक और कटौती कर सकता है. बता दें कि केंद्रीय बैंक हर दो महीने बाद मौद्रिक समिति की बैठक आयोजित करता है. FY26 की ये पहली बैठक थी, जो 7 अप्रैल को शुरू हुई थी और आज इसके नतीजे आने वाले हैं.

RBI कर सकता है रेपो रेट में कटौती!

बैंक ऑफ अमेरिका (BOFA) ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में अनुमान जाहिर करते हुए कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को देखते हुए केंद्रीय बैंक लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती करते हुए बड़ी राहत दे सकता है. इसमें कहा गया है कि Repo Rate में 0.25 फीसदी की कटौती हो सकती है, हालांकि अब बस कुछ देर का इंतजार है, जब आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा इस पर तस्वीर साफ करेंगे और पता चलेगा कि आपके Loan EMI पर क्या असर होगा.

फरवरी में 5 साल बाद हुई थी कटौती

 

बता दें कि इससे पहले फरवरी में हुई MPC Meeting में रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला लेते हुए पांच साल के लंबे अंतराल के बाद रेपो रेट में कटौती (RBI Repo Rate Cut) की थी और इसे 25 बेसिस पॉइंट घटा दिया था. इसके बाद रेपो रेट घटकर 6.25 फीसदी हो गया था. इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मई 2020 में रेपो रेट घटाया था. हालांकि उसके बाद धीरे-धीरे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था. आखिरी बार रेपो रेट में बढ़ोतरी फरवरी 2023 में की गई थी.

रेपो रेट का EMI कनेक्शन

यहां बता दें कि Repo Rate का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है. इसके कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है और इसमें इजाफा होने से ये बढ़ जाती है. दरअसल, रेपो रेट वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.

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