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अमृतधारा बना मौत का जलप्रपात, SECL के 2 कालरीकर्मियों की डूबने से मौत

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: छत्तीसगढ़ के खूबसूरत और प्रसिद्ध जलप्रपातों में शुमार अमृतधारा में मंगलवार शाम दो लोगों की डूबने से मौत हो गई.

पिकनिक मनाने पहुंचे एसईसीएल चिरमिरी के तीन कालरीकर्मी जब जलप्रपात के नीचे बहती हसदेव नदी में नहा रहे थे, तभी एकाएक हादसा हो गया. गहराई का अंदाजा न लगने से तीनों कालरीकर्मी पानी में डूबने लगे. चीख पुकार मची लेकिन मौके पर मदद के लिए कोई नहीं था. जब तक रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची, तब तक दो कालरीकर्मियों की जान जा चुकी थी. एक कर्मी ने किसी तरह जान बचा ली.

पिकनिक के माहौल में छाया मातम: मंगलवार दोपहर 8 लोग चिरमिरी से अमृतधारा जलप्रपात की ओर पिकनिक मनाने के लिए रवाना हुए थे. दोपहर बाद करीब चार बजे वे सभी जलप्रपात के नीचे हसदेव नदी में नहाने पहुंचे. इसी दौरान नहाते-नहाते तीनों युवक गहराई में चले गए. आसपास के लोगों ने शोर सुना, लेकिन तब तक दो की सांसें थम चुकी थीं.

दो घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन:घटना की सूचना मिलते ही पोड़ी थाना अंतर्गत नागपुर चौकी के प्रभारी शेष नारायण सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. साथ ही SECL की रेस्क्यू टीम को भी बुलाया गया. करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद शुभम मलार (निवासी शहडोल) और पृथ्वी सेटी (निवासी तेलंगाना) को बाहर निकाला जा सका, लेकिन तब तक दोनों की सांसें थम चुकी थीं. पुलिस ने शवों का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए उन्हें मनेंद्रगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया.

प्रतिबंधित क्षेत्र, फिर भी लापरवाही: अमृतधारा जलप्रपात के नीचे नहाना प्रशासन ने प्रतिबंधित किया है. जगह-जगह चेतावनी बोर्ड लगे हैं, लेकिन निगरानी की कमी के चलते लोग नियमों को ताक पर रखकर यहां नहाते हैं. नतीजा हर साल ऐसी दर्दनाक घटनाएं सामने आती हैं.

 

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