बिलासपुर में करोड़ों रुपए कीमती जमीन हड़पने के लिए जमीन कारोबारी नरेंद्र मोटवानी और उसके रिश्तेदारों ने कूटरचना-फर्जीवाड़ा कर सीमांकन करा लिया। इस काम के लिए उन्होंने दूसरी महिला को जमीन मालिक मीना गंगवानी बनाकर तहसील में खड़ा किया।
फर्जी दस्तावेज से सीमांकन रिपोर्ट अपने पक्ष में हासिल करा ली। इस मामले में वास्तविक भू-स्वामी की रिपोर्ट पर पुलिस ने नरेंद्र मोटवानी, डूलाराम मोटवानी समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामला तोरवा थाना क्षेत्र का है।
दरअसल, गुरु नानक चौक स्थित पेंडलवार नर्सिंग होम के पास रहने वाली मीना गंगवानी (50) गृहिणी है। नर्सिंग होम के पास सड़क से लगी खसरा नंबर 445 में उनकी 8.90 डिसमिल करोड़ों रुपए कीमती भूमि है, जो उन्हें पति की मौत के बाद विरासत में मिली है। पति के जीवित रहते ही अशोक उबरानी से जमीन का कब्जा प्राप्त करने के संबंध में विवाद चला आ रहा है।
अशोक ने अपने नाम की भूमि खसरा 453/09 व 454/10 को देखरेख के लिए डूलाराम मोटवानी को पावर ऑफ अर्टानी बना दिया था। तब से डूलाराम मोटवानी मीना गंगवानी और उसके पूरे परिवार पर संपत्ति छोड़ने दबाव बना रहा है। उनके स्वामित्व की भूमि पर पति ने जीवित रहते हुए बाउंड्रीवॉल बनवाया था, जिसे अपनी जमीन की बाउंड्री बताकर डूलाराम पहले ही तोड़ चुका है।
कूटरचना कर बनाए फर्जी दस्तावेज और कराया सीमांकन
इसके बाद से दोनों के बीच सीमांकन को लेकर विवाद शुरू हो गया। ऐसे में डूलाराम मोटवानी ने तहसील में 10 मार्च 2022 को मीना गंगवानी के नाम से दूसरी महिला को खड़े कर फर्जी आवेदन, शपथ पत्र आदि पेश कर फर्जी हस्ताक्षर कराया। इसके बाद सीमांकन रिपोर्ट तैयार कराई।
डूलाराम ने अतिरिक्त तहसीलदार के न्यायालय जमीन खुद की होना बताकर मीना के बेटे के खिलाफ कब्जा दिलवाने आवेदन पेश कर बाउंड्री तोड़ दी। मामले में पुलिस ने डूलाराम मोटवानी, नरेंद्र मोटवानी, महेंद्र मोटवानी और राजेंद्र मोटवानी के खिलाफ दस्तावेजों में कूटरचना कर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
मां-बेटे को बंधक बनाकर की थी बेरहमी से पिटाई
चर्चित और विवादित भू-माफिया नरेंद्र मोटवानी के खिलाफ नाबालिग लड़के ने उसे व उसकी मां का अपहरण कर बंधक बनाने और बेरहमी से मारपीट करने की शिकायत की थी। पुलिस उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं कर रही थी। इस केस में दयालबंद के कुख्यात बदमाश ऋषभ पनिकर भी शामिल था।
पुलिस अफसरों के निर्देश पर मामले में केस दर्ज कर नरेंद्र मोटवानी और ऋषभ पनिकर को गिरफ्तार किया था। इस दौरान नरेंद्र मोटवानी ने अपनी पहुंच का फायदा उठाकर खुद को मेडिकल तौर पर अनफिट घोषित करा लिया। जिसका उसे कोर्ट में जमानत के रूप में मिला। तब से वह मीना गंगवानी व बेटे पीयूष गंगवानी के पीछे पड़ा है।
बैंक मैनेजर के साथ मिलकर 14 लाख का फर्जी लोन
भू-माफिया नरेंद्र मोटवानी ने शुभम विहार निवासी कौशल सिंह ने मिलकर ठेकेदार को जमीन दिखाई थी। लोन के संबंध में उनकी सेंट्रल बैंक के मैनेजर से मीटिंग हुई। इसके बाद मैनेजर से मिलीभगत कर गोविंदा कंस्ट्रक्शन के पार्टनर राजेश सिंह और नरेंद्र मोटवानी ने कुछ जरूरी दस्तावेज लेने के बाद घूमाना शुरू कर दिया।
इस बीच फर्जी हस्ताक्षर कर 14 लाख रुपए का लोन सेक्शन करा कर पूरी राशि हड़प ली। इस मामले में भी पुलिस ने धोखाधड़ी व कूटरचना का मामला दर्ज किया था।