मध्य प्रदेश के जबलपुर में रात को 11:00 बजे के बाद आपको दवा और रोजमर्रा से जुड़ी किसी चीज की जरुरत हो तो शायद आपको अगले दिन का इंतजार करना होगा, लेकिन शराब आपको पूरी रात मिल जाएगी. शराब दुकानों को बंद करने का समय रात 11.30 बजे तय है, लेकिन शराब दुकानदार रात 12 बजे तक शटर डाउन कर शराब खुलेआम बेच रहे हैं, दुकान बंद भी हो जाए तो ज्यादा परेशान होने की जरुरत नहीं है, बस डेढ़ गुना अधिक रुपए देने होंगे और दुकान के पीछे बनी छोटी खिडक़ी से शराब मिल जाएगी. शराब दुकान के संचालक नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं, लेकिन आबकारी विभाग गहरी नींद में सो रहा है, इसलिए शासन प्रशासन की नाक के नीचे पूरी रात शराब की धड़ल्ले से बिक्री होती है.
कंट्रोल रूम बेखबर, कुछ ही दूरी पर रातभर हो रही बिक्री
शहर के कुछ थाना क्षेत्र में थाने से चंद कदमों की दूरी पर से पर रातभर अवैध रूप से शराब की बिक्री होती है, यहां आबकारी और पुलिस विभाग का कंट्रोल रूम भी है, जिसमें सूचना देने के बाद भी कोई भी विभाग कार्यवाही करने नहीं आता है और शराब बिकती रहती है, यह जानकारी विभाग को नहीं है, जबकि मुखबिरों की सूचना पर आबकारी और पुलिस टीम 60 से 70 किलोमीटर दूर तक जंगलों तक में अवैध शराब पकड़ने के लिए पहुंच जाती है.
सिर्फ खानापूर्ति के लिए निकली है टीम
आबकारी विभाग के कंट्रोल रूम में शाम को ताले डल जाते हैं, यहां शिकायत सुनने वाला कोई नहीं मिलता है, रात को आबकारी टीम चेकिंग पर भी नहीं निकली है, जिससे दुकानदार बेफिक्र होकर शराब बेचते हैं, आबकारी टीम सिर्फ नया साल, होली, दीपावली के समय ही दुकानों और बार की चेकिंग करने निकलती है, इसके अलावा कभी चेकिंग नहीं करती है, दुकानों के अलावा हाई-वे के ढाबों और रेस्टोरेंट पर खुलेआम शराब पिलाई जा रही है, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
रात को शटर डाउन, लेकिन बिक्री चालू
नियमानुसार शहर में शराब दुकानें सुबह 7:00 बजे खुलता है और रात में 11:30 बजे बंद हो जाती हैं, लेकिन कोई चेकिंग नहीं करता है, इसलिए कुछ दुकानें रात 12 बजे तक ही बंद होती हैं, लेकिन इन दुकानों के शटर गिरने के बाद भी बिक्री चालू रहती है, शराब ठेकेदारों ने दुकान के पीछे एक छोटी सी खिडक़ी बना रखी है, यहां से रातभर आपको शराब मिल जाएगी.