चीन की प्रमुख इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी बिल्ड योर ड्रीम (BYD) का खुद का सपना चकनाचूर होता नज़र आ रहा है. चीनी कार कंपनी भले ही भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री लंबे समय से कर रही है. लेकिन कंपनी को भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की इजाजत अब तक नहीं मिली है. एक बार फिर से BYD की इंडिया एंट्री को भारत सरकार से ग्रीन सिग्नल नहीं मिला है. इस बात को खुद केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कन्फर्म किया है.
पीयूष गोयल ने क्या कहा…
मुंबई में इंडिया ग्लोबल फोरम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अभी चीनी इलेक्ट्रिक कार निर्माता BYD के लिए अपने दरवाजे नहीं खोलेगा. गोयल ने कहा, “BYD को हमें यह भरोसा दिलाना होगा कि वे देश के नियमों के अनुसार काम करेंगे.” यदि बीवाईडी को भारत में अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाना है तो उन्हें नियमों का पालन करना होगा.
चीनी कंपनियों को क्यों नहीं मिल रही एंट्री…
सरकारी अधिकारियों ने चीनी कार कंपनियों की अपारदर्शी ओनरशिप स्ट्रक्चर के अलावा चीनी सरकार और सेना के साथ उनके संभावित संबंधों पर चिंता व्यक्त की है. इसके अतिरिक्त, चीन की नॉन-मार्केट इकोनॉमी स्टेटस से संबंधित मुद्दे भी एक बड़ा सवाल है. जैसे कि स्टेट सब्सिडी और कर्ज माफ़ी इत्यादि जो कॉम्पटीशन को डैमेज कर सकती है. ऐसे कई पहलुओं को उजागर किया गया है. केवल BYD ही नहीं ऐसी ही एक और चीनी कार कंपनी
ग्रेट वॉल मोटर कंपनी भी आवश्यक रेगुलेटरी अप्रूवल न मिल पाने के कारण भारतीय बाजार से हट गई.
जांच में फंस चुकी है BYD…
बता दें कि, अगस्त 2023 में चीनी कार कंपनी BYD द्वारा भारत में बेची जाने वाली असेंबल्ड कारों में इस्तेमाल किए गए इम्पोर्टेड कंपोनेंट पर कम टैक्स का भुगतान करने का आरोप लगा था. कम टैक्स भुगतान के आरोप में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) इस मामले की जांच शुरू की थी. DRI ने दावा किया था कि BYD ने 9 मिलियन डॉलर (तकरीबन 74 करोड़ रुपये) का कम कर (Tax) चुकाया है. हालाँकि BYD ने प्रारंभिक जांच के बाद यह राशि जमा कर दी थी.
चीनी निवेशों की चल रही जांच भारत की नीति का हिस्सा है. जिसके तहत भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से निवेश के लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता होती है. इस उपाय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विदेशी निवेश भारत के रणनीतिक हितों से समझौता न करें.
भारत में byd की मौजूदगी तकरीबन 18 सालों से है और शुरुआत में कंपनी ने इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से इंडिया में एंट्री की थी. साल 2007 में कंपनी ने चेन्नई में अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था. कुछ सालों तक बाजार समझने के बाद कंपनी ने 20 अगस्त 2013 को इंडियन मार्केट में अपनी पहली इलेक्ट्रिक बस byd k9 को पेश किया था. ये इंडियन ऑटोमोटिव हिस्ट्री की पहली प्योर-इलेक्ट्रिक बस थी. मुंबई, हैदराबाद, पुणे, केरल और यहां तक कि मनाली से रोहतांग दर्रे तक बीवाईडी की इलेक्ट्रिक बसें दौड़ रही हैं.
बसों से एंट्री के बाद byd ने पैसेंजर सेग्मेंट की तरफ रूख किया और साल 2022 में कंपनी ने अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार के तौर पर atto 3 को यहां के बाजार में उतारा. अब तक कंपनी यहां के बाजार में सील, सीलॉयन 7, एटो 3 और ई-मैक्स 7 सहित कुल चार इलेक्ट्रिक कारों को पेश कर चुका है जिनकी बिक्री की जा रही है.
भारत में कैसे कारें बेचती है byd:
भारत में कई सालों से ऑपरेशन जारी रखने के बावजूद, BYD अभी तक यहां मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगा सका है. वर्तमान में, यह चीन से इलेक्ट्रिक वाहनों का आयात करता है, जिसके चलते कारों पर हाई इंपोर्ट ड्यूटी लगती है और कंपनी की कारें आम ग्राहकों तक महंगी कीमत में पहुंचती हैं. यही कारण है कि इंडियन पैसेंजर व्हीकल मार्केट में 3 साल बीताने के बाद भी अभी कंपनी की बिक्री बहुत ज्यादा नहीं हो सकी है.
पहले भी रिजेक्ट हुआ है प्रस्ताव…
पिछले दो सालों से कंपनी भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के विकल्प तलाश रही है. हालांकि, चीनी निवेश पर रेगुलेटरी रिस्ट्रिक्शन ने चुनौतियां पेश की हैं. 2023 में, भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन प्लांट स्थापित करने के लिए BYD और उसके स्थानीय भागीदार मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत 1 बिलियन डॉलर के निवेश के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था.
वहीं, BYD ने इस बात का खंडन किया है कि, वह भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की योजना बना रहा है. कंपनी ने अपने WeChat अकाउंट पर पोस्ट किए गए आधिकारिक बयान में इन रिपोर्टों को “असत्य” बताया है.
इससे पहले कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि, BYD हैदराबाद में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाना चाहती है. इसके लिए कंपनी लगभग 10 बिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बना रही है. हालाँकि, कंपनी ने स्पष्ट किया कि ऐसे किसी समझौते या निवेश के फैसले कोअभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है.